वाराणसी
आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में पीएचसी पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित
हाथीपांव के रोगियों को मुफ्त दी गई एमएमडीपी किट
रुग्णता प्रबंधन एवं रख-रखाव के बारे में दिया प्रशिक्षण
कालाजार उन्मूलन के बारे में स्वास्थ्यकर्मियों दी जानकारी
वाराणसी। आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर शुक्रवार को लिंफेटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) से ग्रसित मरीजों को रुग्णता प्रबंधन व रख-रखाव के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर 25 रोगियों को मार्बीडीटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एम.एम.डी.पी) किट प्रदान की गई । इसके साथ ही पीएचसी के स्वास्थ्यकर्मियों को कालाजार उन्मूलन के बारे में प्रशिक्षण भी दिया गया।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ वाईबी पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया एवं कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आयोजित शिविर में हाथीपांव के मरीजों को रुग्णता प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित कर वेक्टर जनित रोगों के बारे में जागरूक किया गया। इसके साथ ही कालाजार उन्मूलन पर प्रशिक्षण दिया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे ने कालाजार उन्मूलन को लेकर ब्लॉक में आईआरएस छिड़काव के बारे में स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया। ब्लॉक का अर्जुनपुर गाँव कालाजार से प्रभावित हैं जहां एक मरीज है। जल्द ही उस गाँव में आईआरएस छिड़काव शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए राउंड के तहत दवा खिलाई जाती है। वहीं जिला फाइलेरिया नियंत्रण इकाई रामनगर के प्रभारी व बायोलोजिस्ट डॉ अमित सिंह ने हाथीपांव के मरीजों को रुग्णता प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षित किया। इसमें पाथ संस्था के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ करन पारिख ने भी सहयोग किया और लिम्फोडेमा रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान सभी मरीजों को एमएमडीपी किट में बाल्टी, मग, टब ,तौलिया, साबुन व एन्टी फंगल क्रीम दिया गया| इसके बाद किट के इस्तेमाल करने का डेमो भी दिखाया गया | इस दौरान बताया गया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। फाइलेरिया रोग किसी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है| फाइलेरिया के सामान्य लक्षण फाइलेरिया के मरीज के हाथ पैर में सूजन का होना व हाइड्रोसील अंडकोष में सूजन का होना है| कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है। यह भी एक संक्रामक रोग है। बुखार, वजन घटना, कमजोरी, थकान, प्लीहा व लीवर का बढ़ना, लसिका ग्रंथियों में सूजन आना आदि इसके लक्षण है । लक्षण दिखने पर प्राथमिक उपचार से इसको रोका जा सकता है।
इस मौके पर सहायक मलेरिया अधिकारी संजीव कुमार सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र चौहान, बीसीपीएम, आशा कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।