अपराध
Varanasi: पिस्तौल से गोली मारकर प्राण घातक हमला करने वाला अंतरराज्यीय अभियुक्त बनारस से दबोचा गया

रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
Varanasi: विभिन्न जिला पुलिस एवं राज्यों के पुलिस संगठनों के बीच समन्वय का अनुठा उदाहरण। दूसरे राज्यों की पुलिस एवं अन्य पुलिस सगठनों केन्द्रीय पुलिस संगठनों ने भी किया भरपूर सहयोग
रायपुर पुलिस ने घटना के बाद अपराध की प्रवृत्ति को देखते हुए अनुपम झा पर जताया था संका।
घटना के तुरंत बाद दुर्ग रायपुर व बिलासपुर के आरपीएफ इस्पेक्टर ने इन स्टेशनों पर लगायी थी टीम |
बाईक जप्त होते ही 20 मिनट के अंदर झारखण्ड के कोडरमा पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने की एक आरोपी की पहचान । आरोपियों के आने वाले रूट और 02 आरोपियों के घर पता के अनुसार बिहार एवं उत्तर प्रदेश के 06 जिलों की पुलिस थी अलर्ट पर बनारस, प्रयागराज, कैमूर सासाराम और गया की पुलिस ने टोल एवं अन्य जगहों पर जारी किया था अलर्ट ।
बनारस के लोकेशन आने के बाद एसीपी शिवा सिंह के नेतृत्व में बनारस पुलिस ने दुर्ग पुलिस के साथ घंटों तक किया था आरोपियों की खोज उत्तर पूर्वीय जोन के बनारस डिवीजन के आर.पी.एफ का रहा सबसे विशेष योगदान।
आरपीएफ कास्टेबल रमेश यादव की रही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका
20 अक्टूबर को तिरंगा चौक बजरंग काम्प्लेक्स ग्राम अमलेश्वर मेन रोड में स्थित समृद्धि ज्वेलर्स व्यापारी सुरेन्द्र सोनी को दो अज्ञात व्यक्तियों ने लूट करने के इरादे से अपने पास रखे देशी कट्ठा एवं पिस्तौल से गोली मारकर प्राण घातक हमला किया एवं फरार हो गये। घटना के तुरंत बाद अम्लेश्वर थाना प्रभारी घटना स्थल उपस्थित होकर घटना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया।
उक्त सनसनीखेज घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुये पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग बद्रीनारायण मीणा (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक महोदय डॉ. अभिषेक पल्लव (भा. पु.से.) के द्वारा स्वयं घटना स्थल उपस्थित होकर घटना स्थल का अवलोकन किया गया, हत्या एवं लूट की घटना में संलिप्त अज्ञात आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी एवं पतासाजी करने हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये, जिसके परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय ध्रुव (रा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनन्त साहू, नगर पुलिस अधीक्षक, (भिलाई नगर ) निखिल रखोचा (भा.पु.से.), नगर पुलिस अधीक्षक, (दुर्ग) वैभव बैंकर (भा.पु.से.), नगर पुलिस अधीक्षक, (छावनी ) प्रभात कुमार (भा.पु.से.), पुलिस अनुविभागीय अधिकारी (पाटन) देवांश राठौर एवं उप पुलिस अधीक्षक (अपराध) अमलेश्वर निरीक्षक राजेन्द्र यादव के नेतृत्व में एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट एवं दुर्ग पुलिस के विभिन्न थानों में पदस्थ चुनिंदा अधिकारी एवं कर्मचारियों की विशेष टीम गठित कर कार्यवाही हेतु लगाया गया।
घटना के तुरंत बाद रायपुर पुलिस ने घटना के बाद सीसीटीव्ही फूटेज में दिखें एक आरोपी पर की संका जाहिर करते हुए दुर्ग पुलिस उपलब्ध कराया। विभिन्न जिलों के पुलिस एवं राज्यों के पुलिस संगठनों के बीच समन्वय का अनुठा उदाहरण घटना के बाद घटना स्थल के आसपास प्राप्त सीसीटीव्ही फूटेग को राज्य में पर जारी किया गया। जिससे उनके मध्य समन्वय स्थापित कर आरोपियों से संबंधित जानकारियां एकत्रित किया गया। दूसरे राज्यों की पुलिस एवं अन्य पुलिस संगठनों का भी रहा विशेष योगदान दुर्ग पुलिस द्वारा घटना के तुरंत बाद दुर्ग रायपुर व विलासपुर के आरपीएफ इस्पेक्टर से संपर्क स्थापित कर आरोपियों के भागने हेतु रेल यात्रा का उपयोग करने की स्थिति होने से इन स्टेशनों पर लगायी थी टीम घटना के तुरंत बाद आरोपियों के भागने वाले संभावित मार्गो पर घटना में प्रयुक्त वाहन क्रमांक J1112N2701 बाईक को सीसीटीव्ही फूटेज से पता चला जिन्हें आरोपी कुछ दूरी पर छोड़कर फरार हो गये जिसे दुर्ग पुलिस द्वारा जप्त किया गया एवं जप्त होते ही झारखण्ड पुलिस से संपर्क स्थापित किया गया। गाड़ी जप्त होने के 20 मिनट के अंदर झारखण्ड के कोडरमा पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने की एक आरोपी की पहचान करते हुए उसके नाम पता एवं मोबाईल नम्बर से दुर्ग पुलिस को अवगत कराया,
जिससे आरोपियों के पहचान सुनिश्चित हुयी। सीसीटीवी फुटेज में मोटर सायकल के आगे एक HONDA CITY कार क्रमांक DL4CAH2592 जाते हुए दिखायी दे रही थी, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि आरोपियों द्वारा मोटर सायकल क्रमांक JH12N2701 छोड़कर HONDA CITY कार क्रमांक DL4CAH2592 से भागे है। आरोपियों के आने वाले रूट और 02 आरोपियों के घर पता अनुसार विहार एवं उत्तर प्रदेश के 06 जिलों में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया। बनारस, प्रयागराज कैमूरए सासाराम और गया की पुलिस ने टोल एवं अन्य जगहों पर अलर्ट जारी किया था, यूपी के अधिकारी शिवा सिंह, चिराग जैन और बिहार के अधिकारी के राम दास और स्वीटी शरावस्वत ने अपराधियों को पकड़ने में दिखायी थी विशेष रूचि आरोपियों का लोकेशन बनारस आने के बाद बनारस पुलिस ने दुर्गं पुलिस के साथ मिलकर घंटों तक आरोपियों की खोजचीन में सहयोग प्रदान किया।
सिर्फ राज्यों के पुलिस संगठन ही नहीं केन्द्रीय पुलिस संगठनों ने भी किया भरपूर सहयोग उत्तर पूर्वीय जोन के बनारस डिवीजन के आर.पी.एफ का रहा सबसे विशेष योगदान आरपीएफ कमांडेट अभिषेक के आदेश पर निरीक्षक अंगु लता द्विवेदी और उनकी 08 सदस्यीय टीम बनारस के स्टेशन पर घंटो गस्त करते रहे।
आरपीएफ के कांस्टेबल रमेश यादव ने सबसे पहले कार को देखा और दुर्ग टीम का पुलिस को सूचित किया। साथ ही रमेश मे अपराधियों की गाड़ी को रोकने के लिए 20 मिनिट तक यातायात को बाधित किया। इस कारण दुर्ग पुलिस की टीम को मौके पर पहुंचने का समय मिला और पुरी सावधानी के साथ भीड़भाड़ को ऐसे अपराधियों को पकड़ने का अवसर मिला जिसके पास दो पिस्तौल थी।
इन सभी राज्यों, संगठनों एवं अधिकारियों के बीच समन्वय की बागड़ों स्वयं दुर्ग पुलिस अक्ष अभिषेक पल्लव (भापुसे) एवं उनके साथ नगर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार कर रहे थे। आरोपियों को पतासाजी एवं गिरफ्तारी में उक्त संगठनों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के योगदान के लिए दुर्ग पुलिस आभार व्यक्त करती है।