Connect with us

बड़ी खबरें

68 साल बाद एयर इंडिया की ‘घर वापसी’, टाटा ने सबसे अधिक बोली लगाकर किया सरकार से सौदा!

Published

on

एयर इंडिया एकबार फिर टाटा ग्रुप के पास आ गई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Air India की बोली टाटा संस ने जीत ली है। मंत्रियों के एक ग्रुप ने टाटा ग्रुप के टेक ओवर प्रस्ताव पर सहमति जता दी है। आने वाले दिनों में जल्दी ही सरकार यह ऐलान कर सकती है। सरकार का मकसद दिसंबर 2021 तक Air India डील को पूरा करना है। सरकर अपना विनिवेश का टारगेट पूरा करने के लिए यह डील जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है। इसके साथ ही सरकार LIC में भी अपना हिस्सा इसी फिस्कल ईयर में बेच सकती है।

1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से हुई थी शुरुआत:

टाटा के साथ सरकार का सौदा पक्का होने से विमानन कंपनी की 68 साल बाद ‘घर वापसी’ होगी। टाटा समूह ने अक्तूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई। ऐसे में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और फिर टाटा समूह से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली।

रिजर्व प्राइस से करीब 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है टाटा की बोली:

इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की बोली सरकार द्वारा तय किए गए रिजर्व प्राइस से करीब 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। टाटा की बोली स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह द्वारा लगाई गई बोली से लगभग 5,000 करोड़ रुपये अधिक है। आगे रिपोर्ट में कहा गया कि सरकारी सूत्रों ने उन रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है, जिसमें रिजर्व प्राइस को 15,000-20,000 करोड़ रुपये बताया गया है।

Advertisement

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page