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गाजीपुर

ठंड से ठिठुरते मुसाफिर, यूसुफपुर स्टेशन पर रैन बसेरे का अभाव

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गाजीपुर। बढ़ती ठंड के साथ यूसुफपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों और गरीबों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्टेशन पर रैन बसेरा की कोई व्यवस्था न होने से मुसाफिरों और रिक्शा चालकों को रात खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ रही है। ठंडी हवा और गिरते तापमान के बीच लोगों को ठिठुरने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिख रहा है।

प्रशासनिक दावे, हकीकत से परे
नगर प्रशासन द्वारा रैन बसेरे के लिए तहसील परिसर और नगरपालिका कार्यालय जैसी तीन जगहों पर व्यवस्था की बात कही गई है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इन सुविधाओं तक यात्रियों और जरूरतमंदों की पहुंच नहीं है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे स्थानों पर रैन बसेरा होना चाहिए, ताकि सफर में आए लोग ठंड से राहत पा सकें।

गर्म कपड़ों की मांग बढ़ी, गरीब परेशान
ठंड बढ़ने के साथ बाजारों में स्वेटर, जैकेट और कंबल की खरीदारी जोर पकड़ रही है। वहीं, गरीब और बेघर लोग इन कपड़ों को खरीदने में असमर्थ हैं। ऐसे में रैन बसेरे और अलाव ही उनका सहारा होते हैं। लेकिन इस बार ये दोनों सुविधाएं नदारद हैं।

अलाव की घोषणा, पर इंतजाम नदारद
प्रशासन ने नगर के प्रमुख चौक-चौराहों पर अलाव जलाने की बात कही थी, लेकिन हकीकत में कहीं भी अलाव जलते नहीं दिख रहे हैं। मजबूरन लोग प्लास्टिक और कचरा जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।

स्थानीय निवासियों और यात्रियों ने प्रशासन से स्टेशन और बस स्टैंड पर रैन बसेरा बनाने और अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर ठंड से बचने के उपाय जल्द नहीं किए गए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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यूसुफपुर जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशन पर रैन बसेरे का न होना न केवल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा रहा है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता को भी उजागर करता है। जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए।

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