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वाराणसी

नगर भ्रमण पर निकले ‘भगवान जगन्नाथ’, काशीवासियों में उमड़ा आस्था का सैलाब

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धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी में आज से विश्व प्रसिद्ध लक्खा मेला ‘जगन्नाथ रथयात्रा’ मेला प्रारंभ हो गया है। यह मेला जिस स्थान पर लगाया जाता है, उस स्थान का नाम ही रथयात्रा है। इस मेले का आयोजन तीन दिवसीय होता है।

पुजारी राधेश्याम पांडेय ने बताया, भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा भाई बलराम के साथ मिलकर काशीवासियों को दर्शन देते हैं। आज सुबह (7 जुलाई) मंगला आरती के साथ ही भगवान का दर्शन शुरू हुआ। भगवान पीला वस्त्र धारण किए हैं।‌ दूसरे दिन सोमवार को भगवान लाल वस्त्र धारण करेंगे। मंगला आरती से लेकर चयन आरती तक किया जाएगा। तीसरे और आखिरी दिन भगवान सफेद वस्त्र धारण करेंगे। उस दिन बाबा विश्वनाथ की कृपा से भगवान जगन्नाथ सफेद वस्त्र धारण करेंगे और बेल के फूल से सिंगार (श्रृंगार) किया जाएगा। शरण आरती के साथ मेला समाप्त हो जाएगा। तीन दिनों तक लाखों की संख्या में लोग मेला में शामिल होते हैं।

तो वहीं शिवम अग्रहरी नाम के पंडित ने बताया कि, जगन्नाथ रथयात्रा में भगवान दर्शन देते हैं। एक तरफ उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ रथ पर बैठे हैं, तो वही काशी में भी इस परंपरा का निर्माण होता है। काशी में 33 कोटी देवी देवता विराजमान है आज भगवान जगन्नाथ का दर्शन हो रहा है और काशीवासियों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है।

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ऐसा माना जाता है कि करीब 317 वर्ष पूर्व जगन्नाथ पुरी से आए एक पुजारी ने असि घाट पर जगन्नाथ मंदिर की स्थापना की थी जिसके बाद से काशी में भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाने लगी।

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