बलिया
“एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत वृहद वृक्षारोपण, अटल वन की स्थापना

बलिया। उत्तर प्रदेश सरकार के 37 करोड़ वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत बुधवार को जनपद बलिया में “एक पेड़ माँ के नाम 2.0” महाअभियान के तहत वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और जिलाधिकारी मंगला सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पौधारोपण किया और उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया।
उन्होंने पौधारोपण, जलवायु संतुलन और जैव विविधता की रक्षा का संदेश देते हुए समाज को जागरूक करने की प्रेरणा दी। इस अभियान के अंतर्गत जनपद बलिया में कुल 41.52800 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।
इनमें ग्राम विकास विभाग द्वारा 16.64 लाख, वन विभाग द्वारा 11.30 लाख, कृषि विभाग द्वारा 5.10 लाख, पंचायती राज विभाग द्वारा 2 लाख तथा शिक्षा विभाग (बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा सहित) द्वारा 85,400 पौधे लगाए गए। जनपद के 23 विभाग, 17 विकासखंड, 940 ग्राम पंचायत, 2 नगर पालिका, 10 नगर पंचायत और 25 नर्सरी के सहयोग से कुल 65.93 लाख पौधारोपण किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के जयप्रकाश नारायण सभागार में माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग के निदेशक अपूर्व दीक्षित ने पिछले वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। भाजपा जिला अध्यक्ष संजय मिश्र और पूर्व मंत्री नारद राय ने वृक्षारोपण को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
लोक निर्माण विभाग के सचिव एवं वृक्षारोपण अभियान 2025 के नोडल अधिकारी प्रकाश बिंदु ने ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ’ का संदेश देते हुए समयबद्ध देखभाल पर जोर दिया। कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने भी वृक्षों की भूमिका पर प्रकाश डाला।परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि एक दिन में 37 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के इतिहास में एक बड़ा कदम है। उन्होंने “एक पेड़ माँ के नाम” पहल को भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए कहा कि जैसे माँ अपने बच्चे की देखभाल करती है, वैसे ही हमें पेड़-पौधों की भी देखभाल करनी चाहिए।
वृक्षारोपण महाअभियान 2025 के अंतर्गत जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय से रानी दुर्गावती छात्रावास मार्ग पर 5 हेक्टेयर क्षेत्र में 8000 पौधे लगाकर अटल वन की स्थापना की गई। यह वन न केवल हरियाली को बढ़ाएगा बल्कि वायु प्रदूषण को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार साबित होगा।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और आम नागरिकों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर योगदान देने का संकल्प लिया।यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और हरित धरोहर के रूप में काम करेगी। सभी प्रतिभागियों ने भविष्य में भी ऐसे अभियानों को सफल बनाने और जन जागरूकता बढ़ाने की बात कही।