मिर्ज़ापुर
पुरुषोत्तमपुर में माध्यमिक शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति के खिलाफ फूंका आंदोलन का बिगुल

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व एमएलसी डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र ने माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति के फैसले को अव्यावहारिक और उत्पीड़नकारी बताया। रविवार को पुरुषोत्तमपुर स्थित माधव विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित जिला कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी माध्यमिक शिक्षा को लेकर भ्रम की स्थिति में हैं, इसलिए बार-बार नए प्रयोगों से शिक्षा व्यवस्था को बिगाड़ा जा रहा है।
डॉ. मिश्र ने कहा कि शिक्षक समाज का आदर्श होते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में सरकारों ने योजनाबद्ध तरीके से शिक्षकों की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। पहले उपस्थिति पंजिका, फिर बायोमेट्रिक और अब ऑनलाइन हाजिरी— यह सब शिक्षा को नियंत्रित करने का तरीका नहीं, बल्कि निजीकरण की ओर धकेलने की चाल है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि माध्यमिक शिक्षक इस तुगलकी फरमान को स्वीकार नहीं करेगा और न ही विद्यालयों को प्रयोगशाला बनने देगा।बैठक में यह भी तय हुआ कि यदि 19 अगस्त तक शिक्षकों की एनपीएस से जुड़ी अद्यतन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई और जीपीएफ से संबंधित विसंगतियों को दूर नहीं किया गया, तो 20 अगस्त से प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन और क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा।
विशिष्ट अतिथि मंडल अध्यक्ष केदारनाथ दूबे ने इस चेतावनी के साथ वर्ष 2006 से 2015 के बीच सेवानिवृत्त शिक्षकों के वेतन वृद्धि मामलों के शीघ्र निस्तारण की मांग भी उठाई।बैठक में पुरानी पेंशन बहाली, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन सहित 16 प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सत्यभूषण सिंह ने की, जबकि संचालन पूर्व जिला मंत्री बलवंत सिंह ने किया।बैठक में गणेश प्रसाद सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह, कौशल सिंह, रश्मि, डॉ. धर्मराज सिंह, यशवंत सिंह, उदय सिंह, राम सागर यादव, छोटे लाल सिंह, अंतेश सिंह, वंश नारायण सिंह, मिथिलेश सिंह, भगवान सिंह, जटा शंकर तिवारी, भुवनेश्वर पाण्डेय, श्यामधर चतुर्वेदी, शैलेन्द्र सिंह, राकेश सिंह, अजय मिश्र, महेंद्र कुमार सोनकर, अरविंद पाठक, दिनेश चौरसिया, गिरीश चंद्र सिंह समेत अनेक शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद रहे।