Connect with us

वाराणसी

काशी नरेश की बेटी को राहत, कोर्ट का आदेश – भाई-भाभी न करें हस्तक्षेप

Published

on

वाराणसी। काशी नरेश महाराज डॉ. विभूति नारायण सिंह के परिवार में लंबे समय से संपत्ति और अधिकारों को लेकर चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। वाराणसी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकेंड, सकत मिश्रा ने काशी नरेश के पुत्र अनंत नारायण सिंह और उनकी पत्नी अनामिका सिंह को आदेश दिया है कि वे उनकी बहन विष्णु प्रिया के जीवन में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न करें और उन्हें मानसिक, शारीरिक या आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने से बचें।

विष्णु प्रिया ने लगाए गंभीर आरोप

विष्णु प्रिया ने अपने भाई अनंत नारायण सिंह और भाभी अनामिका सिंह पर घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि भाई-भाभी रामनगर किले में स्थित उनके आवास से जबरन उन्हें निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने अपने परिवाद में यह भी लिखा था कि अनंत नारायण सिंह उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने की धमकी दे रहे हैं और उनके खिलाफ षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। विष्णु प्रिया के अनुसार, उनके भाई और भाभी ने उनके दैनिक जीवन में दखल देना शुरू कर दिया था और उन्हें उनके रिश्तेदारों, कर्मचारियों, डॉक्टर्स, पुजारियों और अन्य लोगों से मिलने से रोक दिया था।

Advertisement

कोर्ट का सख्त फैसला

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अनंत नारायण सिंह और उनकी पत्नी अनामिका सिंह किसी भी रूप में विष्णु प्रिया के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि विष्णु प्रिया को मानसिक, शारीरिक या आर्थिक रूप से प्रताड़ित न किया जाए।

परिवार में पहले भी रहे हैं विवाद

काशी नरेश के परिवार में संपत्ति और अधिकारों को लेकर यह पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भी परिवार के सदस्यों के बीच कानूनी लड़ाइयां और आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे हैं।

Advertisement

2018: राजकीय चिह्न के दुरुपयोग पर एफआईआर

2018 में, अनंत नारायण सिंह ने अपनी बहन हरि प्रिया के खिलाफ काशी स्टेट के राजकीय चिह्न (मुहर) के दुरुपयोग का मामला दर्ज कराया था। हरि प्रिया ने अपने बेटे की शादी के निमंत्रण पत्र में काशी स्टेट के चिह्न का उपयोग किया था, जिसे लेकर अनंत नारायण ने आपत्ति जताई थी।

2021: जमीन की रजिस्ट्री पर विवाद

2021 में, कोदोपुर में एक जमीन की रजिस्ट्री को लेकर भी विवाद हुआ था। काशीराज परिवार की बेटियों ने इसका विरोध किया और काम रुकवाने की अपील की थी। इस मामले का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें परिवार की बेटियों द्वारा दुर्ग से जुड़ी संपत्तियों को न खरीदने की अपील की गई थी।

Advertisement

काशीराज परिवार का इतिहास

काशी नरेश का परिवार भारत के सबसे प्रतिष्ठित शाही परिवारों में से एक रहा है। काशी राज्य की शुरुआत मनसा राम के शासनकाल से हुई थी, और उसके बाद बलवंत सिंह, चैत सिंह, महीप नारायण सिंह, उदित नारायण सिंह, ईश्वरी नारायण सिंह बहादुर, प्रभु नारायण सिंह बहादुर और आदित्य नारायण सिंह ने राज्य पर शासन किया।

अंतिम काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह थे, जिनका निधन 2000 में हुआ। उनके बाद, उनके पुत्र अनंत नारायण सिंह को परिवार का उत्तराधिकारी माना जाता है, लेकिन उनकी बहनों के साथ संपत्ति को लेकर लगातार विवाद बना हुआ है।

परिवारिक विवादों का असर

काशीराज परिवार के आंतरिक विवाद अब खुलकर सामने आ चुके हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या परिवार के अन्य सदस्य इस मामले में कोई प्रतिक्रिया देंगे या विवाद और गहराएगा।

Advertisement

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa