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2 जी घोटाला मामले में केंद्र सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

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नई दिल्ली। 12 साल बाद, 2 जी घोटाले मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संशोधित करने की मांग की है। इस मामले में सरकार का कहना है कि स्पेक्ट्रम का आवंटन केवल वाणिज्यिक दूरसंचार सेवाओं के लिए ही नहीं है, बल्कि इसका महत्व विभिन्न सार्वजनिक हितों के लिए भी है, जैसे कि सुरक्षा, आपदा तैयारी, और अन्य राष्ट्रीय कार्यों के लिए। इसलिए, सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि नीलामी मार्ग का अनुसरण किया जाए।

2012 में सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में विभिन्न फर्मों को दिए गए लाइसेंसों को रद्द कर दिया था। उस समय कोर्ट ने यह भी कहा था कि स्पेक्ट्रम जैसे दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों के हस्तांतरण के लिए नीलामी करने का एक निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीका अपनाया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार का मानना है कि वितरण और हस्तांतरण के लिए नीलामी का रास्ता गैर-भेदभावपूर्ण होना चाहिए, ताकि न्याय, सार्वजनिक हित, और अन्य समाजिक मूल्यों की रक्षा हो सके। इससे न केवल व्यवसायिक सेवाओं में न्याय मिले, बल्कि समाज के सभी वर्गों के हित में भी यह महत्वपूर्ण हो सकता है। इससे आम जनता की सर्वोत्तम भलाई की जाएगी और देश की विकास और सुरक्षा में सुधार हो सकेगा।

इस नए संशोधन के माध्यम से, सरकार भारतीय नागरिकों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है, साथ ही नई प्रौद्योगिकी को शीघ्र और अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास कर रही है। इससे देश में संचार के क्षेत्र में नई उच्चतम स्तर की विकास की उम्मीद है, जो न केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा, बल्कि लोगों को भी अधिक सुगमता और सुविधाएं प्रदान करेगा।

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