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फ्रांस में एमपॉक्स वायरस के नये वैरिएंट का पहला मामला आया सामने

फ्रांस में एमपॉक्स वायरस (Mpox) के क्लेड-1बी वैरिएंट का पहला मामला दर्ज किया गया है। यह जानकारी फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 6 जनवरी को दी। मंत्रालय ने कहा कि पश्चिमी ब्रिटनी क्षेत्र में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद स्क्रीनिंग और रोकथाम के उपाय तेज कर दिए गए हैं। हाल ही में WHO ने इस वायरस को लेकर उच्चतम स्तर की सतर्कता बनाए रखने की सिफारिश की थी।
एमपॉक्स वायरस, जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था, चेचक से संबंधित वायरस है। यह आमतौर पर संक्रमित जानवरों से मनुष्यों में फैलता है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, और त्वचा पर बड़े घाव शामिल हैं, जो गंभीर मामलों में जानलेवा हो सकते हैं।
2022 से एमपॉक्स के मामलों में तेजी देखी गई है। यह वायरस मुख्यतः अफ्रीका के कुछ हिस्सों में महामारी का रूप ले चुका है। खासतौर पर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में हर साल हजारों मामले सामने आते हैं। एमपॉक्स वायरस के दो प्रमुख प्रकार हैं:
क्लेड-I: जो मध्य अफ्रीका में अधिक प्रचलित है।
क्लेड-1बी: अधिक संक्रामक और अब फ्रांस में रिपोर्ट किया गया।
क्या है Mpox?
एमपॉक्स संक्रमित जानवरों के संपर्क से फैलने वाला वायरस है। यह बीमारी बच्चों पर अधिक प्रभाव डालती है। इसके लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, और कमजोरी शामिल हैं। संक्रमण गंभीर होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।
दुनियाभर में वायरस को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। फ्रांस में नए मामले के बाद रोकथाम के प्रयास और तेज हो गए हैं।