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वाराणसी

पुलिस आयुक्त ने साइबर अपराध पर की समीक्षा बैठक, दिये अहम दिशा-निर्देश

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वाराणसी। पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट मोहित अग्रवाल ने सोमवार को कैम्प कार्यालय स्थित सभागार में साइबर अपराध पर समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया। बैठक में साइबर अपराध के मामलों की बढ़ती संख्या, उनकी रोकथाम, पीड़ितों को राहत और अपराधियों की निगरानी से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

बैठक में अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) श्रुति श्रीवास्तव, प्रभारी साइबर क्राइम थाना और साइबर सेल के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। पुलिस आयुक्त ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार और अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए कई निर्देश दिए।

बैठक में लिए गए अहम निर्णय:

  1. साइबर सुरक्षा जागरूकता सेल का गठन:

इस सेल का उद्देश्य स्कूली बच्चों को साइबर अपराधों से बचने के उपायों के प्रति जागरूक करना है।

यह सेल हर दिन एक स्कूल में जाकर जागरूकता अभियान चलाएगी।

  1. साइबर थाने में अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति:

साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए साइबर थाने में 5 निरीक्षक, 5 उपनिरीक्षक और 10 आरक्षी नियुक्त करने का निर्देश।

  1. अपराधियों की निगरानी:

साइबर अपराध में पकड़े गए आरोपियों की हिस्ट्री-शीट तैयार की जाएगी ताकि उनकी सतत निगरानी हो सके।

संबंधित जनपदों के पुलिस अधीक्षकों को भी इसकी जानकारी दी जाएगी।

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  1. साइबर अपराध के लिए उपयोग होने वाले फोन नंबर ब्लॉक:

वाराणसी पुलिस अब तक 3500 से अधिक फोन नंबरों को ब्लॉक करा चुकी है।

  1. पीड़ितों को आर्थिक राहत:

साइबर फ्रॉड के शिकार व्यक्तियों के पैसे वापस कराने पर विशेष जोर।

  1. गैंग का पर्दाफाश:

प्रत्येक मामले की तह तक जाकर पूरे साइबर गैंग को बेनकाब करने के निर्देश।

उपलब्धियां:

वर्ष 2024 में वाराणसी पुलिस ने 117 पंजीकृत मामलों में से 63 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

अब तक 5.35 करोड़ की रकम रिकवर की गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि साइबर अपराधों की रोकथाम और पीड़ितों को न्याय दिलाना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए संसाधनों में वृद्धि, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

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