वाराणसी
नवरात्रि पर काशी में बंद रहेंगी मीट-मछली की दुकानें

वाराणसी। काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में इस वर्ष नवरात्रि के दौरान मीट और मछली की दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला वाराणसी नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता महापौर अशोक तिवारी ने की। बैठक में नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया कि इस फैसले का कड़ाई से पालन करवाया जाए।
नवरात्रि के दौरान सफाई और व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान
नवरात्रि के दौरान काशी के नौ देवी स्थलों और अन्य देवी मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कार्यकारिणी सदस्य मदन दुबे ने विशेष सफाई व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृति दी गई। नगर आयुक्त को आदेश दिया गया कि सभी देवी मंदिरों के आसपास सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि मंदिर मार्गों पर सीवर का पानी न बहने पाए तथा कूड़ा-कचरा नियमित रूप से उठाया जाए।
धार्मिक स्थलों और स्कूलों के पास नहीं बिकेगी सिगरेट
नगर निगम ने धार्मिक स्थलों और स्कूलों के आसपास सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय लिया। इस प्रस्ताव को कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से पास किया, जिससे धार्मिक एवं शैक्षणिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
जन्म प्रमाण पत्र में देरी से छात्रों को परेशानी
बैठक में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही देरी पर भी चर्चा हुई। उपसभापति नरसिंह दास और सदस्य मदन दुबे ने कहा कि एडमिशन के समय छात्रों को जन्म प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, लेकिन नगर निगम के संबंधित कर्मियों की तकनीकी अक्षमता के कारण इसमें देरी हो रही है। कार्यकारिणी ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि 30 मार्च तक लंबित सभी आवेदनों को निपटाया जाए।
एक ही घर के कई जल कनेक्शनों की गड़बड़ी, 30 अप्रैल तक सुधार का निर्देश
नगर निगम कार्यकारिणी ने जल विभाग की बड़ी गड़बड़ी को उजागर किया। अमृत योजना के तहत शहर के 32,486 घरों में जल कनेक्शन लगाए गए थे, लेकिन एक ही घर में कई कनेक्शन दे दिए जाने के कारण हजारों घरों में कई बिल भेजे जा रहे हैं। इससे जनता परेशान है। महापौर ने जलकल विभाग को 30 अप्रैल तक का समय दिया कि वे सर्वे करके अनावश्यक कनेक्शन समाप्त करें और बिलों में सुधार करें।
शहर में मच्छरों का प्रकोप, बैठक से गायब रहे स्वास्थ्य अधिकारी
बैठक के दौरान शहर में बढ़ते मच्छरों और फॉगिंग की अनियमितता का मुद्दा भी उठाया गया। सदस्य सुरेश कुमार पटेल ने इस पर सवाल उठाया और कहा कि शहरवासी मच्छरों से परेशान हैं, लेकिन नगर स्वास्थ्य अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं थे। इस पर महापौर ने कड़ी नाराजगी जताई और नगर आयुक्त को आदेश दिया कि वे नगर स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करें।
नाला सफाई का दावा, लेकिन वाहन तक नहीं खरीदे गए
कार्यकारिणी सदस्य हनुमान प्रसाद ने नाला सफाई की स्थिति पर सवाल उठाए। अधिशासी अभियंता ने दावा किया कि शहर के 20 नालों की सफाई का कार्य चल रहा है, लेकिन महापौर ने इन दावों की जांच के लिए पार्षदों को जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही, उन्होंने अधिशासी अभियंता पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि अभी तक नाला सफाई के लिए आवश्यक वाहन क्यों नहीं खरीदे गए।
औरंगाबाद का नाम बदलने पर कोई निर्णय नहीं
बैठक में वाराणसी के औरंगाबाद क्षेत्र समेत अन्य इलाकों के नाम बदलने पर कोई चर्चा नहीं हुई। कार्यकारिणी सदस्य मदन दुबे ने बताया कि इस संबंध में नगर निगम को विभिन्न संगठनों से मांग पत्र मिले हैं। हालांकि, अधिनियम 91(2) के तहत आयोजित बैठक में इस पर कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया।
गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन न्यास समेत कई सामाजिक और हिंदू संगठनों ने औरंगाबाद समेत लगभग 50 मोहल्लों के नाम बदलने की मांग की है। उनका दावा है कि औरंगाबाद का मूल नाम लक्ष्मी नगर या शिवनगर था, जिसे मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर बदला गया। जिला प्रशासन इस प्रकरण में इतिहासकारों से तथ्य जुटा रहा है।
नगर निगम की इस बैठक में शहर की साफ-सफाई, धार्मिक स्थलों की पवित्रता, जल आपूर्ति, मच्छर नियंत्रण और प्रशासनिक अनियमितताओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आगामी त्योहारों को देखते हुए नगर निगम ने साफ-सफाई और व्यवस्थाओं पर विशेष जोर देने का फैसला किया है। अब देखना यह होगा कि इन फैसलों को जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है।