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दुनिया की पहली दो जीनोम-संपादित चावल की किस्में लॉन्च

खेती को मिलेगा बूस्ट, किसानों को होगा फायदा; नई किस्में 20% अधिक उपज देने में सक्षम
नई दिल्ली। भारत ने कृषि क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए विश्व की पहली दो जीनोम-संपादित चावल की किस्मों का सफलतापूर्वक विकास किया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की।
कमला (डीआरआर धान 100) और पूसा डीएसटी राइस 1 नामक इन दोनों किस्मों को देश के प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थानों—ICAR-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद और ICAR-IARI पूसा, नई दिल्ली—ने विकसित किया है। मंत्री चौहान ने कहा कि “ये किस्में भारत में दूसरी हरित क्रांति का मार्ग प्रशस्त करेंगी। इनकी उपलब्धता को जल्द से जल्द **किसानों तक पहुँचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
कमला किस्म की विशेषताएं
‘कमला’ को लोकप्रिय किस्म सांबा महसूरी (BPT 5204) में जीनोम संपादन द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म 19% अधिक उपज, बेहतर सूखा सहनशीलता, नाइट्रोजन की अधिक दक्षता, और 20 दिन कम अवधि में तैयार होने की विशेषताएं लिए है। अखिल भारतीय परीक्षण में इसकी औसत उपज 5.3 टन प्रति हेक्टेयर पाई गई, जो मूल किस्म से काफी अधिक है।
पूसा डीएसटी राइस 1 की क्षमताएं
आईसीएआर पूसा द्वारा विकसित पूसा डीएसटी राइस 1 किस्म को एमटीयू 1010 में जीन “डीएसटी” को संपादित कर तैयार किया गया है, जिससे यह किस्म सूखा और लवणता जैसी परिस्थितियों में भी 20% अधिक उपज देने में सक्षम हो गई है।
कृषि क्षेत्र में व्यापक असर
इन दोनों किस्मों को देश के 14 से अधिक राज्यों के लिए उपयुक्त बताया गया है, जिनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं। इनके उपयोग से अनुमानित 4.5 मिलियन टन अतिरिक्त धान उत्पादन, 3200 टन ग्रीनहाउस गैसों में कटौती, और 7500 मिलियन क्यूबिक मीटर सिंचाई जल की बचत संभव होगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “इन किस्मों के 20 दिन पहले पकने से फसल चक्र में लचीलापन आएगा और बहुफसलीय खेती को बढ़ावा मिलेगा।” साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार किसानों तक इन किस्मों की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तेजी से काम कर रही है।
खाद्यान्न सुरक्षा पर भी जताया भरोसा
मीडिया के सवालों के जवाब में श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि “देश के पास खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है और किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल उत्पादन ही नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण व टिकाऊ कृषि विकास भी है।