वाराणसी
दीनानाथ झुनझुनवाला पर लगा भारी भरकम जुर्माना, कोर्ट ने कहा- उम्र को देखते हुए जेल भेजना उचित नहीं

वाराणसी के मशहूर उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला पर बिजली चोरी के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष न्यायधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम) संध्या श्रीवास्तव ने उन्हें 2 करोड़ 97 लाख 58 हजार 827 रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। जुर्माना न भरने की स्थिति में 2 साल की कैद का प्रावधान है।
2007 में दर्ज हुआ था मुकदमा
मामला साल 2007 का है, जब नगरी विद्युत वितरण खंड (षष्टम) के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर संकट हरण सिंह ने सारनाथ थाने में बिजली चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि आशापुर स्थित मेसर्स झुनझुनवाला ऑयल मिल में 200 केवीए के भार पर बिजली चोरी पकड़ी गई थी। एमआरआई रिपोर्ट में बिजली चोरी की पुष्टि हुई, जिससे निगम को 99.19 लाख रुपए का नुकसान हुआ।
ED ने की थी छापेमारी
दीनानाथ झुनझुनवाला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 9 महीने पहले बड़ी कार्रवाई की थी। वाराणसी समेत 7 राज्यों के 10 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। 2019 में सीबीआई ने उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड का मामला दर्ज किया था, जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में ईडी ने हस्तक्षेप किया।
कपड़े की फेरी से वनस्पति तेल तक का सफर
भागलपुर, बिहार के मूल निवासी दीनानाथ झुनझुनवाला ने वाराणसी के बीएचयू से ग्रेजुएशन किया। करियर की शुरुआत में वे फेरी लगाकर कपड़े बेचते थे। 1989 में उन्होंने झुनझुनवाला वनस्पति लिमिटेड की स्थापना की। 1990 में वनस्पति तेल का उत्पादन शुरू हुआ और जल्द ही उनका “झूला” ब्रांड उत्तर प्रदेश-बिहार में मशहूर हो गया।
विदेशों तक फैला कारोबार
2008 में कंपनी का नाम बदलकर जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया गया। जेवीएल एग्रो ने वनस्पति, रिफाइंड सोयाबीन और सरसों का तेल बनाना शुरू किया। कंपनी का कारोबार इंडोनेशिया, मलेशिया, चेकोस्लोवाकिया और श्रीलंका तक पहुंच गया।
पारिवारिक विवाद के बीच अलग हुआ बेटा
दीनानाथ झुनझुनवाला का कारोबार उनके बड़े बेटे सत्यनारायण झुनझुनवाला संभालते हैं। वहीं, बैंकों की कार्रवाई और करोड़ों के विवाद के बीच दूसरे बेटे ने खुद को परिवार से अलग कर लिया है और वाराणसी के सारनाथ में स्वतंत्र रूप से व्यापार कर रहे हैं।