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वाराणसी

केवीके में दूध में मूल्य संवर्धन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न, अधिकारियों को मिला तकनीकी ज्ञान

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वाराणसी। मिर्जामुराद क्षेत्र के कल्लीपुर गांव स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को दूध में मूल्य संवर्धन विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या द्वारा संचालित इस प्रशिक्षण में विभिन्न विकासखंडों से आए 25 पशुधन प्रसार अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार सिंह ने बताया कि दूध में मूल्य संवर्धन कर किसान अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब किसानों के पास अत्यधिक दूध हो तो उससे पनीर, घी, दही, फ्लेवर मिल्क, मिठाइयां आदि बनाकर अच्छे दामों में बेचा जा सकता है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होगा। पशुधन प्रसार अधिकारी किसानों के साथ सीधा संपर्क रखते हैं, इसलिए वे किसानों को जागरूक करने और तकनीकी सहयोग देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पशुपालन वैज्ञानिक पूजा सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान भारत में दूध उत्पादन के वर्तमान परिदृश्य, दूध से बनने वाले विभिन्न डेयरी उत्पाद और उनके विपणन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मूल्य संवर्धन पशुपालन के पांच प्रमुख स्तंभों में से एक है, जिससे किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है।

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राहुल सिंह ने कहा कि किसानों को फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPO) से जोड़कर उनके लिए स्टार्टअप की संभावनाएं बढ़ाई जा सकती हैं। इससे वे समूह में डेयरी उत्पादों का निर्माण कर सकते हैं और विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा संस्थानों से तकनीकी सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं।

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इस अवसर पर डॉ. श्री प्रकाश सिंह, डॉ. अमितेश सिंह, डॉ. प्रतिक्षा सिंह और डॉ. मनीष पांडेय समेत कृषि विज्ञान केंद्र के अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे। प्रशिक्षण का उद्देश्य पशुधन प्रसार अधिकारियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाकर किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रभावी कार्य कराना था।

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