वाराणसी
विद्यापीठ में बनेगा राष्ट्ररत्न शिवप्रसाद गुप्त शोधपीठ

रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी। नए सत्र में संस्थापक की स्मृति में होगा स्मारिका ग्रंथ का प्रकाशन, केंद्रीय पुस्तकालय में बनेगी वीथिका (गैलरी )
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में संस्थापक राष्ट्ररत्न बाबू शिव प्रसाद गुप्त शोधपीठ बनेगा। यह घोषणा कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने की हैं। बुधवार को संस्थापक की 140 वीं जयंती पर डॉ. भगवान दास केंद्रीय पुस्तकालय स्थित समिति कक्ष में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे। शिवप्रसाद गुप्त मिशन की ओर से आयोजित राष्ट्र निर्माण में राष्ट्ररत्न का योगदान विषयक संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में राष्ट्ररत्न ने अतुलनीय योगदान दिया हैं। शोधपीठ के जरिये उनके वैचारिक विरासत को संजोकर वैश्विक फलक पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि नये सत्र में स्मारिका ग्रंथ प्रकाशन के लिए शोधार्थियों से आलेख आमंत्रित किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन शिवप्रसाद गुप्त स्मारिका ग्रंथ को देश-विदेश के पुस्तकालयों में भेजेगा। केंद्रीय पुस्तकालय में संस्थापक की स्मृतियों को संजोने के लिए राष्ट्ररत्न वीथिका (फाउंडर मेमोरियल गैलरी) बनाई जाएगी। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी छात्र अधिष्ठाता प्रो. केके सिंह और कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह को दी। इस दौरान उन्होंने विभाग प्रमुखों से शिक्षा, स्वास्थ्य साहित्य, समरसता, सौर विज्ञान पत्रकारिता, राजनीति, अर्थशास्त्र आदि क्षेत्रों में राष्ट्ररत्न के योगदानों पर शोध कराने को कहा। इसके पहले मुख्य अतिथि राष्ट्ररत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त के प्रपौत्र डॉ. अंबुज गुप्ता ने कहा कि दादा जी (बाबू शिव प्रसाद गुप्त) नारी स्वावलंबन पक्षधर थे। पर्दा प्रथा के खिलाफ थे। उन्हीं की प्रेरणा से मां ( राष्ट्ररत्न की बहू) ने काशी में चादर छोड़ो अभियान शुरू किया था।
विशिष्ट अतिथि डॉ पुष्कर रंजन (डॉ भगवान दास के प्रपौत्र) ने राष्ट्ररत्न बाबू शिव प्रसाद गुप्त काशी के द्वारपाल थे। काशी आने वाले हर अतिथि का आत्मीयता से सत्कार करते थे। सभी के लिए उनके घर (सेवा उपवन) का द्वार खुला रहता था। वे आजीवन जरुरतमंदो की सहायता के लिए तत्पर रहे।
विशिष्ट वक्ता काशी विद्यापीठ की कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह ने कहा कि राष्ट्ररत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त का व्यक्तित्व विराट था। करूणा और दानशीलता उनकी पहचान थी। राष्ट्रीय आंदोलनों में उन्होंने तन -मन -धन से सहयोग किया। कहा कि उनके ज्ञान-दान को कोई तौल नहीं सकता हैं।
प्रारंभ में लोगों ने शिक्षा संकाय स्थित राष्ट्ररत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि कर राष्ट्ररत्न को नमन किया।
संचालन पूर्व उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश गुप्ता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन निवर्तमान उपाध्यक्ष शिवजनक गुप्ता ने दिया।
इस मौके पर डॉ राहुल गुप्ता, डॉ निशा सिंह, डॉ शिवराम वर्मा, प्रो. रंजन कुमार, अमित, अंकित , राहुल, विवेक, अभिषेक,रचित, अक्षरा कसेरा, श्रेयस ओम, आदि लोग मौजूद रहे
महान दानवीर थे शिवप्रसाद गुप्ता जी
वे वचन के पक्के थे। बाबू जी का जीवन संघर्ष भरा था।उनके दान को तौल नहीं सकता है। उन्होंने अमूल्य दान किया है।