गाजीपुर
गाजीपुर में 15 घंटे तक सन्नाटे में डूबी सोनम, स्टॉफ ने बताया आखों-देखी हाल

नंदगंज (गाजीपुर)। इंदौर निवासी राजा रघुवंशी की शिलॉन्ग में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या के बाद उनकी पत्नी सोनम अचानक 9 जून को सुबह 5 बजे गाजीपुर पहुंची। यहां से रात 8 बजे मेघालय पुलिस उसे सोमवार की शाम अपने साथ लेकर रवाना हुई। इस बीच सोनम गाजीपुर के वन स्टॉप सेंटर में पूरे 15 घंटे रुकी, जिनमें से 7 घंटे वह गहरी नींद में सोती रही।
इस दौरान उसने न डॉक्टर से बात की, न पुलिस से और न ही केंद्र के कर्मचारियों से कोई संवाद किया। किसी भी जरूरी स्थिति में वह सिर्फ इशारों में जवाब देती रही। जब उसके भाई और मामा मिलने पहुंचे, तब भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।
चेहरा सूजा, बाल बिखरे, मनोस्थिति विचलित
वन स्टॉप सेंटर की महिला कर्मचारियों के अनुसार, सोनम डरी-सहमी सी दिखाई दी। उसका चेहरा सूजा हुआ था, बाल बिखरे थे और शरीर पर थकान साफ झलक रही थी। उसने नवविवाहिता जैसे कोई भी विवाहिक चिह्न (सिंदूर, चूड़ी, बिछिया, मंगलसूत्र) नहीं धारण किए थे। बातचीत में भी वह बहुत सीमित रही।
“मैंने जब हालचाल पूछे तो उसने बस सिर हिलाया, जैसे उसे कुछ भी बताना नहीं है। “ऐसा लग रहा था कि वह कई दिनों से न ठीक से खाई है, न सोई है। लेकिन पति की मौत पर न रोना, न अफसोस, न एक भी आंसू? यह अस्वाभाविक था।”
पूरे वन स्टॉप सेंटर में था पुलिस का पहरा
सोनम के आने से पहले सुबह 5 बजे ही सेंटर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए, किसी को अंदर-बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। सवाल उठने लगे – आखिर कौन है यह महिला, जिसके लिए इतनी भारी सुरक्षा?
तभी महिला पुलिसकर्मियों ने बताया, यह वही सोनम रघुवंशी है, जिस पर अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या का आरोप है और जो मेघालय से लापता थी।
“पति की मौत के बाद इतनी शांति पहली बार देखी”: स्टाफ
एक कर्मचारी ने भावुक होते हुए कहा, “मैंने आज तक ऐसा नहीं देखा कि किसी महिला का पति मारा गया हो और वह इतने आराम से सो रही हो। कोई अफसोस नहीं, कोई लाचारी नहीं। बस, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो।”
मेडिकल जांच में भी रही चुप
रात करीब 8 बजे, पुलिस भारी सुरक्षा के बीच सोनम को जिला अस्पताल मेडिकल जांच के लिए ले गई। जांच के दौरान करीब 40 मिनट तक डॉक्टरों ने कई सवाल पूछे, लेकिन वह ज्यादातर समय चुप ही रही। बस जरूरत भर के इशारे या हां-ना में जवाब दिए।