पूर्वांचल
सीएम योगी से मिलने लखनऊ पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, यूपी-उत्तराखंड में परिसंपत्तियों के बंटवारे पर होगी बातचीत
सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धानी लखनऊ पहुंचे। यहां पांच कालिदास मार्ग स्थित सीएम आवास सीएम धामी ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात बेहद खास मानी जा रही हैं। दरअसल, यूपी-उत्तराखंड में पिछले 21 सालों से परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर बातचीत का दौर जारी है, लेकिन आज तक दोनों ही राज्यों की सरकारों में आपसी सहमति नहीं बन सकी।
केन्द्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तीनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं हो पाया है। चुनावी साल में एक बार फिर उत्तराखंड की धामी सरकार परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर गंभीर नजर आ रही है। इस मुद्दे पर पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर अपने कदम आगे बढ़ाए हैं, जिससे उत्तराखंड के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। तो वहीं, यह भी संयोग ही है कि उत्तर प्रदेश की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथों में है, जो उत्तराखंड के मूल निवासी हैं।
इस मुद्दे का हल निकालने के लिए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने दो दिवसीय दौरे पर आज लखनऊ पहुंच गए। यहां पांच कालिदास मार्ग स्थित सीएम आवास सीएम धामी ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। अपनी इस मुलाकात के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच राज्य पुनर्गठन आयोग के तहत परिसंपत्तियों को लेकर समाधान निकालने के प्रयास होंगे। चुनावी साल में मुख्यमंत्री धामी उम्मीद कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के लंबित मसलों के हल निकालेगी। ऐसे में इस ऐतिहासिक फैसले से दोनों योगी और धामी को राजनीतिक लाभ भी मिल सकता है।
– सिंचाई विभाग उत्तराखंड को जनपद उधमसिंह नगर हरिद्वार एवं चम्पावत में कुल 379.385 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण।
– जनपद हरिद्वार में आवासीय/अनावासीय भवनों का हस्तांतरण।
– गंग नहर से 665 क्यूसेक जल उपलब्ध कराने
– जनपद उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार की नहरों को राज्य को दिये जाने।
– नानक सागर, धौरा तथा बेंगुल जलाशय को पर्यटन एवं जल क्रीड़ा के लिए उपलब्ध कराये जाने।
– टीएचडीसी में उत्तर प्रदेश की अंश पूंजी उत्तराखण्ड को हस्तांतरित करने।
– मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना के लिए लिये गये ऋण के समाधान।
– परिवहन, वित्त, आवास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति वन कृषि से सम्बन्धित विषयों पर निर्णय।