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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- चुनाव में फ्री चीजें देने के वादे एक गंभीर मुद्दा, केंद्र और EC को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है चुनाव में राजनीतिक दलों के मुफ्त सुविधाएं देने के वादे करना एक गंभीर मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र से इस पर अपना पक्ष बताने को कहा है। चुनाव में कुछ सुविधाएं फ्री देने का दावा करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ये कहा है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा, कोर्ट जानना चाहता है कि इसे कानूनी रूप से कैसे नियंत्रित किया जाए। क्या यह इन चुनावों के दौरान किया जा सकता है? या इसे अगले चुनाव के लिए किया जाए। निश्चित ही यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि मुफ्त बजट तो नियमित बजट से आगे है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने पहले भी चुनाव आयोग से इसे रोकने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा था लेकिन आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ सिर्फ एक बैठक कर उनसे उनके विचार पूछे। इसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। कोर्ट इस मामले पर चार हफ्ते बाद फिर सुनवाई करेगा।
भाजपा नेता ने दायर की है याचिका
भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों के चुनाव के समय मुफ्त चीजें देने की घोषणाएं मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रभावित करती हैं। इससे चुनाव प्रक्रिया भी प्रभावित होती है और ये निष्पक्ष चुनाव के लिए ठीक नहीं है। याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दल चुनावी लाभ के लिए कुछ भी वादा कर देते हैं। याचिका में ऐसे फ्री वादे करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने और उनके चुनाव निशान जब्त करने की मांग की गई है।