वाराणसी
समय से स्कूल न पहुंचने और अनुशासनहीनता पर छः शिक्षक निलंबित, दो शिक्षामित्रों की सेवा समाप्त

वाराणसी। जिले में शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने की दिशा में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) डॉ. अरविंद पाठक ने कड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 6 शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। इनमें दो अलग-अलग विद्यालयों के प्रधानाचार्य और चार सहायक अध्यापक शामिल हैं। साथ ही दो शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने की संस्तुति की गई है।
प्राथमिक विद्यालय बलीपुर में समय की अनदेखी पर कार्रवाई
काशी विद्यापीठ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बलीपुर की प्रधानाध्यापिका दीपा कुमारी, सहायक अध्यापिका आरती सिंह और प्रिया कुमारी सिंह को विद्यालय में समय पर न आने और कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। वहीं, शिक्षामित्र कन्हैयालाल और पूनम राय की सेवा समाप्त करने की संस्तुति की गई है।
डॉ. अरविंद पाठक ने बताया कि विद्यालय के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वहां न तो शिक्षक समय से आते हैं और न ही पढ़ाई का माहौल है। अभिभावकों और ग्रामीणों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। इसी क्रम में 7 मार्च को खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया गया, लेकिन कोई भी शिक्षक समय से उपस्थित नहीं मिला। इसके बाद सभी का वेतन रोका गया और चेतावनी दी गई।
बावजूद इसके जब 8 अप्रैल को पुनः निरीक्षण किया गया, तो स्थिति जस की तस पाई गई। जांच के समय प्रधानाध्यापिका 8:35 पर, एक सहायक अध्यापिका 9:20 पर पहुंचीं जबकि एक पूरी तरह अनुपस्थित रहीं। शिक्षामित्र भी तय समय से काफी देर से विद्यालय पहुंचे। केवल 9 बच्चे ही स्कूल में उपस्थित थे, जिन्होंने बताया कि शिक्षक न आने के कारण वे भी स्कूल नहीं आते।
बड़ागांव में अनुशासनहीनता पर गिरी गाज
प्राथमिक विद्यालय कारवां (बड़ागांव) में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक आपस में गाली-गलौज करते नजर आए। इस वीडियो की पुष्टि और शिकायत के बाद BSA ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी चोलापुर, बड़ागांव और पिंडरा शामिल थे।
जांच में प्रधानाचार्य दिनेश यादव, सहायक अध्यापक संजय कुमार और उदय प्रताप सिंह को दोषी पाया गया। अनुशासनहीनता और विद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने के कारण इन तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
BSA की सख्त चेतावनी
BSA डॉ. अरविंद पाठक ने साफ कहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। शिक्षकों की नियमित उपस्थिति, पढ़ाई का माहौल और बच्चों के हितों की रक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लापरवाही बरतने वाले किसी भी शिक्षक को बख्शा नहीं जाएगा।