मिर्ज़ापुर
शास्त्रीय संगीत संस्कृति की जीवंत धरोहर : विभा सिंह

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में बुधवार को श्री माता प्रसाद माता भीख इंटर कॉलेज के सभागार में शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता के विजेताओं की प्रस्तुति ने नगरवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन प्रदेशव्यापी नवांकुर संगीत समारोह के अंतर्गत सम्पन्न हुआ, जिसकी शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और अकादमी की उपाध्यक्ष विभा सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “संगीत मानवीय भावनाओं की हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है, जिसे संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है।” उन्होंने शास्त्रीय संगीत को भारतीय संस्कृति की आत्मा बताते हुए कहा कि यह परंपरा हमें पूर्वजों से विरासत में मिली है और इसे सहेजना अनिवार्य है।

विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कनौजिया ने कहा कि “शास्त्रीय संगीत भारतीय संस्कृति की एकता और भाईचारे का प्रतीक है। विविधता में एकता हमारी पहचान है और संगीत इसका मूल आधार है।” उन्होंने विद्यालय स्तर से ही संस्कृति आधारित पाठ्यक्रम की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के स्थानीय समन्वयक शैलेन्द्र अग्रहरि ने बताया कि “वैदिक काल से लेकर आज तक भारतीय संगीत की यात्रा में कई महान संगीतकारों ने अपनी छाप छोड़ी है। तानसेन, स्वामी हरिदास, अमीर खुसरो जैसे दिग्गजों ने संगीत को नया आयाम दिया।” उन्होंने विभिन्न गायन शैलियों—ख्याल, ध्रुपद, ठुमरी, दादरा आदि के संरक्षण पर जोर दिया।
इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं। कानपुर के चेतन गुप्ता ने ध्रुपद, वाराणसी के शिवांश सिंह ने गिटार, बाँदा से सिद्धांती मणि ने तबला, वाराणसी से कृष्णा मिश्रा ने सितार, प्रयागराज से कन्हैया पाण्डेय ने ठुमरी और मेरठ से वंशिका त्यागी ने कथक की प्रस्तुति दी। सभी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में लखनऊ से अकादमी की प्रतिनिधि रेनू श्रीवास्तव, विंध्याचल संभाग की संयोजिका पूजा केशरी, विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रेमचंद यादव सहित कई गणमान्य शिक्षक व संगीतप्रेमी उपस्थित रहे। मंच संचालन विद्यालय के अध्यापक संजय सिंह ने किया।