शिक्षा
योगी सरकार की नयी योजना से बदल जायेगी लाखों बच्चों की किस्मत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा को आधुनिक और मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि अब प्रदेश के मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक विषयों को भी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा।
धार्मिक और आधुनिक शिक्षा का संगम
सरकार का उद्देश्य यह है कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र सिर्फ दीनी तालीम तक सीमित न रहें, बल्कि गणित, विज्ञान, कंप्यूटर और खेल गतिविधियों जैसे विषयों में भी दक्षता हासिल करें। राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने स्पष्ट किया कि धार्मिक शिक्षा से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, बल्कि एनसीईआरटी आधारित विषयों को जोड़कर छात्रों को समग्र और प्रतिस्पर्धी शिक्षा दी जाएगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं होंगी उन्नत
राज्य सरकार की योजना के अनुसार—
साइंस और कंप्यूटर लैब स्थापित किए जाएंगे
स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले जाएंगे
करियर काउंसलिंग कार्यक्रम चलाए जाएंगे
छात्राओं के लिए विशेष सुविधाएं विकसित की जाएंगी
दानिश अंसारी ने बताया कि यह एक सुनियोजित नीति के तहत किया जा रहा सुधार है, जिसका उद्देश्य मुस्लिम युवाओं को आधुनिक समाज के अनुरूप तैयार करना है।
नया पाठ्यक्रम तैयार करने में जुटी टीम
सरकार ने निदेशक स्तर की एक टीम गठित की है, जो नया करिकुलम तैयार कर रही है। यह टीम अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी, जिसके बाद उम्मीद है कि नया शैक्षणिक सत्र नई व्यवस्था के साथ शुरू होगा।
15 लाख छात्र होंगे लाभान्वित
फिलहाल उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अंतर्गत 16,513 मदरसे पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 15 लाख छात्र अध्ययनरत हैं। सरकार की योजना है कि इन सभी छात्रों को मुफ्त किताबें, बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं, और पारदर्शी तरीके से नियुक्त शिक्षकों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए।
“यह मुस्लिम समाज के विकास की दिशा में पहल”
दानिश अंसारी ने कहा कि यह पहल मुस्लिम युवाओं को एक बेहतर भविष्य और समान अवसर देने की दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि देश के इस अहम वर्ग को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाया जाए।