वाराणसी
पंखों में एंटी-सुसाइड सीलिंग रॉड लगाने से बच सकती हैं हजारों जानें : कर्नल विनोद

वाराणसी। कर्नल विनोद (पीएमजी), वाराणसी ने बताया कि देश में बहुत से बच्चे परीक्षा में अच्छे अंक न ला पाने के कारण हतोत्साहित हो जाते हैं और कभी-कभी आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। हाल ही में कोटा के कोचिंग केंद्रों में इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं। कर्नल विनोद ने कहा कि इन घटनाओं को काफी हद तक एंटी-सुसाइड सीलिंग फैन का उपयोग कर रोका जा सकता है। वह बनारस के एक होटल में एलायंस ऑफ एनर्जी एफिशिएंट एनर्जी संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि अधिकांश आत्महत्याएं सीलिंग फैन से लटककर की जाती हैं। जब कोई व्यक्ति ऐसा प्रयास करता है और पंखे में एंटी-सुसाइड रॉड लगी होती है, तो पंखा व्यक्ति सहित नीचे गिर जाता है, जिससे उसकी जान बच सकती है। यह रॉड किसी भी सीलिंग फैन में जोड़ी जा सकती है और यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक उपकरण है।
कोटा में 2024 में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या के 17 मामले दर्ज हुए, जबकि 2023 में यह संख्या 26 थी। भारत में आत्महत्या एक गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा है। वर्ष 2022 में 1,71,000 आत्महत्याएं दर्ज की गईं, जो 2021 की तुलना में 4.2% अधिक थीं, जबकि 2018 की तुलना में यह वृद्धि 27% थी। प्रति एक लाख जनसंख्या पर आत्महत्या की दर 2022 में बढ़कर 12.4 हो गई, जो अब तक की सबसे अधिक है।
कर्नल विनोद ने कहा कि फ्रांसीसी समाजशास्त्री एमिल दुर्खीम ने आत्महत्या के चार प्रकारों की पहचान की है: अहंकारी, परोपकारी, एनोमिक और भाग्यवादी आत्महत्या। उन्होंने बताया कि एनोमिक आत्महत्या तब होती है जब सामाजिक मान्यताएं विफल हो जाती हैं, जिससे व्यक्ति को जीवन में उद्देश्यहीनता महसूस होती है।
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे आत्महत्या के विचारों को मन में न आने दें और मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए संवाद करें। परीक्षा में असफलता, बेरोजगारी, या वित्तीय संकट जैसे कारणों से आत्महत्या का प्रयास किया जाता है, और अधिकतर मामलों में सीलिंग फैन का ही सहारा लिया जाता है।
कर्नल विनोद ने सुझाव दिया कि भारतीय डाक विभाग इन ऊर्जा कुशल और एंटी-सुसाइड पंखों के प्रचार और बिक्री के लिए अपने डाकघरों और काउंटरों का नेटवर्क उपलब्ध करा सकता है। वाराणसी क्षेत्र में कुल 1,729 डाकघर हैं, जहां मीडिया पोस्ट के माध्यम से इन पंखों का प्रचार किया जा सकता है और खुदरा डाक के तहत बिक्री सुनिश्चित की जा सकती है।
कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि सीलिंग फैन निर्माता कंपनियों ने इस विचार की सराहना की और आश्वासन दिया कि भविष्य में पंखों में एंटी-सुसाइड तकनीक को शामिल करने हेतु और अधिक शोध किया जाएगा।
इस अवसर पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सुबोध कुमार, केंद्र व राज्य सरकार के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्रालय के अधिकारी, विभिन्न फैन निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधि, निजी क्षेत्र के अधिकारी, बनारस बुनकर संघ तथा ईंट निर्माण इकाई संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे। एईईई संस्था के वरिष्ठ निदेशक प्रमोद कुमार ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।