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वाराणसी

अंतरराष्ट्रीय हॉकी में भारत का नाम चमकायेंगी काशी की पूजा

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वाराणसी की धरती से निकलीं हॉकी की चमकती सितारा पूजा यादव अब ऑस्ट्रेलिया की सरज़मीं पर भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी। मंगलवार को वह पांच मैचों की अंतरराष्ट्रीय हॉकी शृंखला के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना हुईं, जहां वह 23 नंबर की जर्सी में 26 अप्रैल को पर्थ में पहला मैच खेलेंगी।

गंगापुर की गलियों से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मैदान तक का सफर तय करने वाली पूजा का बचपन संघर्षों से भरा रहा। छह बहनों और एक भाई के साथ एक कमरे के पुश्तैनी मकान में पली-बढ़ी पूजा ने न सिर्फ हॉकी की स्टिक थामी, बल्कि अपनी भैंसों की देखभाल और घर के कामों में भी बराबरी से हाथ बंटाया।

पूजा की मां कलावती देवी की आंखें आज गर्व से नम हैं। वह रोज़ बेटी के टीम में चयन की मन्नत मांगती थीं। पिता महेंद्र यादव शुरू में बेटी को खेलने से रोकते थे, लेकिन जब लोगों ने पूजा की सराहना की, तो उनके विचार बदले। इस परिवर्तन में ओलंपियन ललित उपाध्याय की भूमिका भी अहम रही, जिन्होंने पूजा को हॉकी किट देकर उसका हौसला बढ़ाया।

गंगापुर हॉकी अकादमी से निखरी पूजा की प्रतिभा को कोच प्रदीप सिंह और चरण दास गुप्ता ने संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सचिव अवधेश लाल मौर्य के अनुसार, पूजा ने जूनियर नेशनल में गोल्ड मेडल जीतकर क्षेत्र और देश का मान बढ़ाया। उसकी मेहनत और लगन ने इलाके के अन्य युवाओं को भी हॉकी की ओर प्रेरित किया।

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ओलंपियन ललित उपाध्याय मानते हैं कि पूजा आज भारतीय महिला हॉकी टीम की रीढ़ हैं। मिडफिल्ड की जिम्मेदारी निभाते हुए वह न सिर्फ खेल की गति बनाए रखती हैं, बल्कि आक्रमण और रक्षा के बीच संतुलन भी साधती हैं। हर मैच की रणनीति में बदलाव होता है, और पूजा अपनी भूमिका को उसी अनुरूप ढालने में माहिर हैं।

पूजा यादव की यह उड़ान सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि हर उस लड़की की उम्मीद है जो सीमित संसाधनों में भी अपने सपनों को पंख देना चाहती है।

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