गाजीपुर
हिंदी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी आयोजित

दुल्लहपुर (गाजीपुर)। चौहान मार्केट स्थित श्रीकृष्णा मैरिज हाल में हिंदी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर पत्रकार संघ दुल्लहपुर द्वारा “हिंदी पत्रकारिता और चुनौतियां” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकारों, समाजसेवियों, साहित्यकारों, राजनीतिज्ञों, व्यापारियों एवं ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके पश्चात अतिथियों को तिरंगा बैज, अंगवस्त्र, कलम एवं डायरी भेंट कर सम्मानित किया गया।
मुख्य वक्ता डॉ. ए. के. राय ने हिंदी पत्रकारिता के ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “जब संसाधनों का अभाव था, तब हाथ से लिखकर समाचार पत्र निकालना और उसे जन-जन तक पहुँचाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाना आसान नहीं था, परंतु निर्भीक पत्रकारों ने अपने साहस और निष्पक्ष लेखनी से असंभव को संभव कर दिखाया।”
मुख्य अतिथि धर्मेंद्र मिश्रा ने कहा, “हिंदी पत्रकारिता स्वतंत्रता संग्राम की ध्वजवाहक रही है। 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा प्रकाशित ‘उदंत मार्तंड’ हिंदी पत्रकारिता का आधार स्तंभ बना। आज पत्रकारिता का स्वरूप बदला है, लेकिन इसकी भूमिका पहले जैसी ही अहम है।” उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे किसी एक पत्रकार को सम्मानित कर इस दिवस को सार्थक बनाएं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामवृक्ष यादव ने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होता है, जो हर मौसम में निस्वार्थ भाव से कार्य करता है। उन्होंने पत्रकारों के लिए सुरक्षा, संसाधन और मानदेय की व्यवस्था किए जाने की मांग सरकार से की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राधेश्याम जायसवाल ने की, जबकि संचालन गौरीशंकर पाण्डेय ‘सरस’ ने किया। इस अवसर पर सतीश जायसवाल, भुवन जायसवाल, संजय चौबे, अशोक गुप्ता, उपेंद्र कुमार, प्रदीप मद्धेशिया, हिमांशु मौर्य, श्याम सुंदर, रामअवतार मौर्य, बृजेश मौर्य, राजेश मद्धेशिया, निजामुद्दीन सिद्दीकी, चंद्रजीत चंदन, चंद्रकेश, लालबहादुर पांडेय समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।