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ओडिशा में नक्सलवाद पर बड़ा प्रहार, खूंखार माओवादी कुंजम हिडमा गिरफ्तार

ओडिशा में माओवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को सुरक्षा बलों ने एक बड़ी सफलता दिलाई है। कोरापुट जिले के घने जंगलों में छिपे एक वांछित और बेहद खतरनाक माओवादी नेता कुंजम हिडमा को सुरक्षाबलों ने दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। हिडमा की गिरफ्तारी माओवादी नेटवर्क के लिए करारा झटका मानी जा रही है।
पेठागुड़ा के जंगल में चला सर्च ऑपरेशन
गुप्त सूचना के आधार पर कोरापुट जिले के बाईपारिगुड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत पेठागुड़ा जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसी दौरान सुरक्षाबलों ने माओवादी कुंजम हिडमा को घेरकर गिरफ्तार किया। कार्रवाई के दौरान उसके पास से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई।
हिडमा के पास से बरामद हुए हथियार
गिरफ्तारी के समय सुरक्षाबलों ने हिडमा के पास से एक एके-47 राइफल, 34 राउंड गोली, 27 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 90 नॉन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 2 किलो गन पाउडर, 2 स्टील कंटेनर, 2 रेडियो, 1 ईयरफोन, मोटोरोला वॉकीटॉकी और उसकी बैटरी, 2 चाकू, 1 कटारी और माओवादी साहित्य जब्त किया। इससे साफ है कि हिडमा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।
14 साल की उम्र में बना था नक्सली
कुंजम हिडमा ने 2007 में महज 14 वर्ष की आयु में माओवादी संगठन से जुड़ाव किया। प्रारंभिक वर्षों में वह ‘बाल संघम’ और ‘जन नाट्य मंडली’ से जुड़ा रहा। 2013 से 2015 के बीच उसने एलओएस (लोकल ऑर्गनाइजेशन स्क्वाड) के तहत सैन्य प्रशिक्षण लिया और संगठन से एक सिंगल-शॉट राइफल प्राप्त की।
लगातार बदलते रहे इलाके और जिम्मेदारियां
2016 में हिडमा ने आंध्र-ओडिशा बॉर्डर (AOB) प्लाटून में सक्रिय भूमिका निभाई और 2019 में उसे एरिया कमेटी मेंबर (ACM) के पद पर पदोन्नति दी गई। उसने एसएलआर राइफल से लैस होकर विभिन्न ऑपरेशनों में भाग लिया। हिडमा ने कोरापुट, मलकानगिरी (ओडिशा) और आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में काम किया।
छत्तीसगढ़ और सुकमा में भी रहा सक्रिय
2021-22 के दौरान वह छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पामेड़ क्षेत्र में तैनात रहा। इसके बाद 2023 में सुकमा जिले के केरलपाल क्षेत्र में और 2024 में मालेंगिरी क्षेत्र में प्लाटून-26 के तहत सक्रिय रहा। मई 2025 में वह एक बार फिर AOB इकाई में लौटा और लगातार गतिविधियों में संलग्न रहा।
पूछताछ में उगल सकता है कई राज
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हिडमा से पूछताछ के जरिए कई अन्य माओवादियों की जानकारी प्राप्त होने की संभावना है। सुरक्षा बल इस गिरफ्तारी को नक्सली नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक निर्णायक कदम मान रहे हैं।