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स्कूल खुलने के बाद दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा कोरोना, नए मामलों और मरने वालों की संख्या में इजाफा
कोरोना वायरस के मामले थोड़े कम जरूर हुए हैं लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। कई देशों में स्कूल और कॉलेज खुलने शुरू हो गए हैं। स्कूल खोलने का फैसला कहीं न कहीं गलत साबित होता दिख रहा है। इसका ताजा उदहारण इंग्लैंड में देखने को मिला है।
वर्ल्ड सोशलिस्ट वेबसाइट के अनुसार,इंग्लैंड में स्कूलों के फिर से खुलने के कुछ ही दिनों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि सरकार का मानना है कि स्कूल सुरक्षित हैं। इतना है नहीं, जो पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे, उन्हें जुर्माना और कारावास की धमकी का सामना करना पड़ रहा है।
इस हफ्ते 8 सितंबर तक कोरोना के 272,334 पॉजिटिव केस सामने आए हैं और औसतन 863 के हिसाब से 6,748 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। रोजाना औसतन 130 से अधिक लोग वायरस से मारे जा रहे हैं। पिछले हफ्ते कुल 43,166 पॉजिटिव मामलों में से सबसे अधिक मामले 0-19 आयु वर्ग विशेष रूप से 10-19 आयु वर्ग के लोगों में पाए जा रहे हैं।
दोगुनी रफ़्तार से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले:
स्कॉटलैंड में 11 अगस्त को स्कूल खुले और इसके बाद महीने के अंत तक मामले दोगुने हो गए। नए मामलों में लगभग 40 प्रतिशत बच्चे हैं। गुरुवार को दर्ज किए गए 6,836 में से 2,729 मामले बच्चों के हैं।
भारत में भी खुले हुए हैं स्कूल:
भारत में भी राजधानी सहित अधिकतर राज्यों में स्कूल खुल गए हैं और कई राज्यों में खुलने की तैयारी है। ऐसे में राज्य सरकारों को इस फैसले पर एक बार फिर विचार करना चाहिए। तमिलनाडु में 1 सितंबर से स्कूलों को फिर से खोलने के बाद राज्य में लगभग 20 छात्रों और 10 शिक्षकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. हाल के अधिकांश मामले चेन्नई के एक निजी स्कूल से सामने आए हैं।
तीसरी लहर की जताई आशंका:
एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि अक्टूबर में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है। यह भी माना जा रहा है कि तीसरी में बच्चों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है। एम्स ने भी यह माना है कि बच्चों का टीकाकरण नहीं होने से उनके प्रभावित होने की आशंका ज्यादा है।