वाराणसी
वाराणसी का स्वच्छता मुकुट डगमगाया, गंगा टाउन में पहला स्थान गंवाया

वाराणसी। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की रैंकिंग गुरुवार को जारी हुई। इसमें वाराणसी नगर निगम ने देशभर के 4589 निकायों में 24 पायदान की छलांग लगाते हुए 17वां स्थान हासिल किया। हालांकि राज्य स्तर पर नगर निगम की रैंकिंग गिर गई। पिछले साल नगर निगम की रैंकिंग चार थी, जो अब सातवें स्थान पर पहुंच गई है। गंगा टाउन रैंकिंग में भी नगर निगम का पहला स्थान अब दूसरे पर आ गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्किट हाउस में बैठक के दौरान वाराणसी नगर निगम की इस रैंकिंग पर असंतोष जताया। 2016 से शुरू हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में इस साल नगर निगम का प्रदर्शन अब तक सबसे अच्छा रहा है। वर्ष 2016 में वाराणसी का स्थान 65वां था, 2017 में 32वां, 2018 में 29वां, 2019 में 70वां, 2020 में 27वां, 2021 में 30वां, 2022 में 21वां और 2023 में 41वां था।
गंगा टाउन अवॉर्ड में वर्ष 2020 और 2021 में वाराणसी पहले स्थान पर था, 2022 में दूसरे, 2023 में फिर पहले और 2024 में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के सिटी कार्ड के अनुसार डोर टू डोर कूड़ा उठान पर 98 प्रतिशत, कूड़े के पृथक्कीकरण पर 63 प्रतिशत, कूड़े के उठान व निस्तारण, डंपिंग ग्राउंड निस्तारण, आवासीय क्षेत्रों और बाजारों में सफाई, जलाशयों की सफाई सभी में 100 प्रतिशत, और सार्वजनिक शौचालयों की सफाई पर 93 प्रतिशत अंक मिले हैं।
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने 17वां स्थान मिलने पर टीम को बधाई दी और कहा कि अगले सर्वेक्षण में कमजोरियों को दूर कर और बेहतर रैंक लाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि वाटर प्लस की उपाधि भी वाराणसी नगर निगम को मिली है, जिसमें एसटीपी या फिकल स्लज से निकलने वाले पानी के पुनः उपयोग का प्रावधान है।
मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग लेने में शहर पिछड़ा, इसी कारण अंक कटे। डोर टू डोर कलेक्शन और कूड़े के पृथक्कीकरण पर विशेष बल दिया जाएगा ताकि आने वाले सर्वेक्षण में वाराणसी टॉप टेन में शामिल हो सके।
छावनी परिषद ने भी उत्तर प्रदेश में पहला और देशभर में सातवां स्थान प्राप्त किया है। पिछले साल 20वें स्थान पर रहने के बाद यह बड़ी उपलब्धि है। सीईओ सत्यम मोहन ने सफाईकर्मियों को बधाई दी और बताया कि सेनिटेशन पार्क बनाया जा रहा है तथा नुक्कड़ नाटकों और प्लास्टिक जागरूकता रैलियों के माध्यम से स्वच्छता जनजागरूकता अभियान चलाया गया।