गाजीपुर
विद्यालय बंदी के विरोध में जखनियां बाजार में निकला जुलूस

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के फैसले के विरोध में जखनियां तहसील मुख्यालय पर गुरुवार को धरना-प्रदर्शन आयोजित हुआ। जखनियां कार्यालय से सीपीएम कार्यकर्ताओं ने विशाल जुलूस निकाला और ‘शिक्षा बचाओ, विद्यालय नहीं होंगे बंद’ जैसे नारों से बाजार गूंज उठा। इस आंदोलन का नेतृत्व राम अवध की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें शिक्षाप्रेमी, किसान, मजदूर, छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी भारी संख्या में शामिल हुए।
धरना स्थल पर तहसीलदार ज्ञानेंद्र यादव को सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया जिसमें सरकार से मांग की गई कि 5000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का फैसला तुरंत वापस लिया जाए। ज्ञापन में कहा गया कि आरएसएस के शिव मंदिर सहित अन्य निजी संस्थानों और शिक्षा माफियाओं की लूट की दुकाननुमा स्कूलों को बंद कर उन्हें सरकारी विद्यालयों में परिवर्तित किया जाए।
लोगों ने शिक्षा के नाम पर हो रही वसूली और निजीकरण पर रोक लगाने, केरल व दिल्ली मॉडल अपनाने तथा कुल बजट का न्यूनतम छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की मांग रखी। वक्ताओं ने कहा कि सरकार प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर मधुशालाएं खोलने की नीति से देश के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है।
धरना में यह भी मांग रखी गई कि शिक्षा को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ा जाए, अंधभक्ति नहीं बल्कि तर्कशीलता और नवाचार को बढ़ावा मिले। सभी विद्यालयों में एक जैसी किताबें और पाठ्यक्रम लागू कर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं को प्राथमिक शिक्षा में अनिवार्य किया जाए।
वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकारी विद्यालयों की हत्या बंद नहीं हुई तो यह आंदोलन सड़क से सदन तक पहुंचेगा। उनका आरोप था कि सरकार शिक्षा के बजाय अंधकार को बढ़ावा दे रही है।
इस जनजागरण कार्यक्रम में कामरेड मारकंडे प्रसाद, विजय बहादुर सिंह, वीरेंद्र कुमार गौतम, योगेंद्र यादव, डॉ. सीताराम, कामरेड नसरुद्दीन, राम अवध (सीपीआई), अवध नारायण, गीता देवी, मांसा देवी, उषा देवी, पूनम, संजू, विनोद यादव, बनारसी बनवासी, विनोद गुप्ता, उमाशंकर प्रजापति, घूरन बनवासी, सुरेंद्र भारती, जागीर मास्टर, सावित्री देवी, लीलावती देवी, सुकालू चौहान सहित सैकड़ों जनप्रतिनिधि व जागरूक नागरिक उपस्थित रहे।