चन्दौली
शराब ठेका हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठीं महिलाएं, सपा नेता ने दिया समर्थन

पीडीडीयू नगर (चंदौली)। नगर के शाहकुटी, रावत बस्ती एवं कालीमहल क्षेत्रों में स्थित शराब ठेके को हटाने की मांग को लेकर महिलाओं का धरना लगातार जारी है। शुक्रवार को इस धरने को समर्थन देने पहुंचे समाजवादी पार्टी के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी चंद्रशेखर यादव ने सत्तापक्ष और प्रशासन पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार “नारी शक्ति वंदन” की बात करती है और दूसरी तरफ उन्हीं नारियों की बात को अनसुना कर रही है। महिलाएं विधायक के आवास से मात्र कुछ कदम की दूरी पर बैठकर विरोध कर रही हैं, लेकिन विधायक की संवेदनाएं अब तक नहीं जागीं। यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है।
गली-मोहल्लों में शराब ठेका, अपराधों को दे रहा जन्म
चंद्रशेखर यादव ने कहा कि आबादी वाले क्षेत्र में शराब का ठेका खुला होना न सिर्फ सामाजिक वातावरण को दूषित करता है, बल्कि इससे अपराध को भी बढ़ावा मिल रहा है। पूर्व में इन मोहल्लों में शराब ठेके की वजह से हत्या सहित कई गंभीर अपराध हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता अब भी बरकरार है।
उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि जनहित को प्राथमिकता देते हुए इन संवेदनशील इलाकों से शराब ठेका हटाकर किसी उचित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। साथ ही चेतावनी दी कि यदि जल्द ही समाधान नहीं हुआ तो समाजवादी पार्टी चरणबद्ध आंदोलन करेगी।
महिलाओं की एकजुटता और विरोध स्वरूप धरना जारी
धरने पर बैठीं महिलाओं ने बताया कि मोहल्ले में शराब ठेका खुलने के बाद से स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। महिलाओं और बच्चियों का घर से निकलना दूभर हो गया है। नशे में धुत युवक अक्सर उत्पात मचाते हैं। कई बार शिकायत के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए अब हम खुद सड़क पर उतरने को मजबूर हैं।
स्थानीय निवासियों ने भी उठायी आवाज
धरने में स्थानीय पुरुषों और युवाओं ने भी सहभागिता करते हुए कहा कि मोहल्ले में शराब ठेका रहना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। यह बच्चों की मानसिकता और युवाओं की प्रवृत्ति को बिगाड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि स्थायी समाधान के लिए प्रशासन तत्काल ठेका हटाने की प्रक्रिया शुरू करे।
धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने एक स्वर में कहा कि जब तक शराब ठेका नहीं हटेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर सपा कार्यकर्ता, समाजसेवी, क्षेत्रीय नागरिक एवं दर्जनों महिलाएं उपस्थित थीं। सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रखा और प्रशासन से संवेदनशीलता दिखाने की अपील की।