वाराणसी
मोबाइल-ऑनलाइन फ्रॉड पर डीसीपी क्राइम की चेतावनी: 24 घंटे में शिकायत करें, वापस मिल सकते हैं पैसे

वाराणसी। डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने व्यापारियों, छात्रों और आम जनता को साइबर अपराध और बचाव के उपायों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने सभी सवालों के स्पष्ट जवाब दिए और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी।
डीसीपी क्राइम ने बताया कि साइबर ठगी का मुख्य कारण लालच, अत्यधिक भरोसा और डर है। अपराधी निवेश को दोगुना या तीन गुना करने का लालच देकर लोगों को फंसाते हैं। बिना सावधानी के विश्वास करना लोगों को साइबर अपराधियों का शिकार बना देता है।
गोल्डन ऑवर्स: 24 घंटे में करें शिकायत
डीसीपी सरवणन टी. ने स्पष्ट किया कि साइबर ठगी के शिकार पीड़ितों को “गोल्डन ऑवर्स” के 24 घंटे के भीतर 1930 नंबर या Cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए। जल्दी शिकायत करने पर रकम की शत-प्रतिशत रिकवरी संभव है।
साइबर अपराधियों के चालाक तरीके
साइबर अपराधी वर्दी पहनकर या AI वीडियो कॉल से डराते हैं। अनजान नंबर के वीडियो कॉल न उठाने और सोशल साइट्स पर प्राइवेसी सेट करने की सलाह दी गई। अनधिकृत मोबाइल एप डाउनलोड करने से बचें क्योंकि यही धोखाधड़ी का सबसे बड़ा माध्यम है।
आपका डेटा कैसे पहुंचता है साइबर अपराधियों तक
डीसीपी ने कहा कि हमारी जानकारी सोशल मीडिया और पार्ट-टाइम जॉब में दी गई व्यक्तिगत जानकारियों के जरिए अपराधियों तक पहुँचती है। मोबाइल और आधार नंबर किसी के साथ साझा न करें।
ऑनलाइन लेन-देन और स्टॉक ट्रेडिंग में सतर्क रहें
साइबर अपराधी अधिक वित्तीय लेन-देन करने वालों को टारगेट करते हैं। चार दिन बाद शिकायत होने पर रिकवरी प्रक्रिया लंबी हो जाती है। एपीए बैंकिंग का इस्तेमाल करके रकम कुछ मिनटों में कई खातों में ट्रांसफर कर दी जाती है।
मोबाइल पर फ्रॉड से बचाव के टिप्स
डीसीपी ने सलाह दी कि किसी भी लिंक पर बिना सोच समझे क्लिक न करें। ऑनलाइन खरीदारी विश्वसनीय वेबसाइट पर करें। पासवर्ड मजबूत, यूनिक और नियमित रूप से बदलें। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें। संदेहास्पद कॉल्स और ईमेल से सतर्क रहें।
बच्चों और परिवार के लिए साइबर सुरक्षा
बच्चों को इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग सिखाएँ। संवेदनशील दस्तावेज डिजिटल रूप में पासवर्ड से सुरक्षित रखें। नकली ऑफर्स और गिफ्ट स्कीम के झांसे में न आएँ।
डीसीपी सरवणन टी. ने दोहराया कि लालच ही अपराधियों की ताकत है। इंटरनेट पर सतर्क रहकर, तकनीकी जानकारी और सावधानी अपनाकर ही साइबर अपराध से बचा जा सकता है।