वाराणसी
बाबुओं और वकीलों की मिलीभगत से बन रहा फर्जी निवास प्रमाण पत्र

एडीएम फाइनेंस ऑफिस ने पकड़ा फर्जी दस्तावेजों का नेटवर्क
वाराणसी में प्रधान डाकघर के बाबुओं और कचहरी से जुड़े कुछ वकीलों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों का खेल चल रहा है। एडीएम फाइनेंस ऑफिस में जब आधार कार्ड के आवेदन की जांच की गई, तो निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।
आवेदकों से पूछताछ में सामने आई बाबू और वकील की संलिप्तता
जांच के दौरान आवेदकों से पूछताछ की गई। पता चला कि नदेसर स्थित प्रधान डाकघर का एक बाबू और कचहरी से जुड़े एक वकील इस फर्जीवाड़े में शामिल थे। इसके अलावा, साइबर कैफे भी इस खेल का हिस्सा थे।
रोहनिया की अफसरीन का मामला उजागर
रोहनिया के नरूर की अफसरीन ने आधार कार्ड बनवाने के लिए निवास प्रमाण पत्र जमा किया। जांच में तहसील से जारी यह प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। अफसरीन ने बताया कि प्रमाण पत्र डाकघर के बाबू ने दिया था और वकील ने इसमें मदद की थी।
तीन महीने में आठ फर्जी दस्तावेज पकड़े गए
एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले तीन महीने में आठ आवेदन में फर्जी निवास, आय और जाति प्रमाण पत्र पकड़े गए। सभी मामलों में प्रधान डाकघर के बाबुओं की संलिप्तता सामने आई है।
जन सेवा केंद्र और साइबर कैफे भी जुड़े फर्जी दस्तावेज बनाने में
जिले के कई जन सेवा केंद्र और साइबर कैफे भी नकली दस्तावेज तैयार करने में शामिल पाए गए। इस पर गोपनीय जांच चल रही है। डाकघर के बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए पोस्टमास्टर जनरल और शासन को पत्र भेजा जाएगा।
डाकघर के बाबू दीपक पर पहले भी मामला दर्ज
ढाई महीने पहले नदेसर स्थित प्रधान डाकघर के बाबू दीपक को फर्जी आय और जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को उसके पास कई फर्जी प्रमाण पत्र बरामद हुए थे, लेकिन कुछ समय के बाद उसे छोड़ दिया गया।
वरिष्ठ सहायक राजकुमार वर्मा ने दर्ज कराया केस
तहसील सदर में तैनात वरिष्ठ सहायक राजकुमार वर्मा ने बाबू दीपक के खिलाफ कैंट थाने में मामला दर्ज कराया था। दीपक ने सादिक बीबी, तरन्नुम बीबी, खुशी कुमारी और तबस्सुम के फर्जी दस्तावेज बनाए थे।
एडीएम फाइनेंस ऑफिस में दस्तावेज जांच से खुली पूरी साज़िश
एडीएम फाइनेंस के ऑफिस में दस्तावेजों की जांच के दौरान बाबू दीपक की करतूत पूरी तरह से उजागर हुई। अधिकारियों ने बताया कि फर्जी दस्तावेज बनाने का यह नेटवर्क बड़े पैमाने पर चल रहा था।
सूत्रों के अनुसार, एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि अन्य दस्तावेजों की भी जांच कराई जा रही है ताकि फर्जीवाड़े के पूरे नेटवर्क को उजागर किया जा सके। डाकघर के बाबुओं और वकीलों के खिलाफ पोस्टमास्टर जनरल और शासन को पत्र भेज कर इस मामले में कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
वाराणसी प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे दस्तावेज जमा करने से पहले उनकी सत्यता सुनिश्चित करें। फर्जी दस्तावेज जमा करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।