वाराणसी
कोलेस्ट्रॉल तथा ट्राइग्लिसराइड क्या है? इसके बढ़ने से कौन बिमारी होती है? होम्योपैथी में क्या उपचार है? आइए जानते हैं डॉक्टर अम्बरीश कुमार राय से
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी: कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का ऑयली, मोम के समान का कार्बनिक पदार्थ होता है जिसमे एक फैटी एसिड होता है, जो लीवर द्वारा उत्पन्न होता है तथा जीवो के सेल मेंब्रेन तथा अंगों में पाया जाता है। हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता कोशिका निर्माण, हार्मोन निर्माण, बाइल जूस के निर्माण तथा फैट के पाचन के लिए होता है। विटामिन डी के निर्माण में भी कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है। कोलेस्ट्रोल को कोसिकाओ तक ले जाने तथा वापस लाने का काम लाइपोप्रोटीन करता है। जिसको LDL तथा HDL के नाम से जानते हैं।
कोलेस्ट्रोल के प्रकार
कोलेस्ट्रोल मुख्यतः तीन प्रकार का होता है-
1-LDL, 2-HDL, 3-VLDL
LDL क्या होता है?
इसको बैड कोलेस्ट्रॉल के रूप में भी जानते हैं। यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। इसका निर्माण लीवर के द्वारा होता है, जिसका काम फैट को मांस पेशियों, हार्ट और कोशिकाओं तक पहुंचाने का होता है। जब बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा हमारे शरीर में नार्मल से ज्यादा हो जाता है, तब यह हार्ट तथा ब्रेन को रक्त पहुंचाने वाली नलियों में जमने लगता है, जिसके कारण रक्त नलिकायें पतली होने लगती है और हार्ट अटैक तथा ब्रेन अटैक होता है।
HDL क्या होता है?
इसको गुड कोलेस्ट्रॉल कहते हैं, और यह भी लीवर में ही बनता है। इसका काम कोलेस्ट्रॉल को कोशिका हार्ट तथा ब्रेन तक पहुंचा कर वापस लिवर में ले जाने का है। इसकी मात्रा का अधिक होना हार्ट के अच्छे स्वास्थ्य का संकेत है।
VLDL क्या होता है?
तीसरे प्रकार के कोलेस्ट्रॉल जिसको कि VLDL कहते हैं। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से भी ज्यादा हानिकारक होता है तथा यह हार्ट डिजीज का कारण बनता है।
Tryglyceride क्या होता है?
हमारे शरीर में एक प्रकार की और चर्बी होती है, जिसको हम Tryglyceride कहते है, इसमे तीन फैटी एसिड और ग्लीसराॅल होता है। यह कोलेस्ट्रॉल से बिल्कुल भिन्न होता है। सभी प्रकार के वनस्पति खाद्य तेलों में ट्राइग्लिसराइड पाया जाता है। जबकि कोलेस्ट्रोल का मुख्य स्रोत एनिमल फूड होता है।
सामान्यता लीवर कोलेस्ट्रोल के विभिन्न प्रकारों में एक संतुलन बनाए रखता है, लेकिन विषम परिस्थितियों मे कभी कभी यह संतुलन बिगड़ जाता है।
कौन-कौन से कारण हैं, जिससे इनकी मात्रा अनियंत्रित हो जाती है?
अधिक मात्रा में फैटी फूड का सेवन।
मोटापा।
एक्सरसाइज नियमित नहीं करना।
वंशानुगत कारण।
फास्ट फुट।
रिफाइंड तथा जले हुये तेल निर्मित विषाक्त भोजन का प्रयोग।
कोलेस्ट्रॉल बढने पर हमें क्या करना चाहिए?
*अगर हमारा वजन अधिक है तो हमें इसमें कमी लाने का प्रयास करना होगा।
*कम कोलेस्ट्रोल वाले व्यंजन को लेना पड़ेगा यानि एनिमल फुड से परहेज करना होगा।
*फास्ट फूड से दूर रहना पड़ेगा।
*नियमित एक्सरसाइज करने पड़ेंगे।
*धूम्रपान एवं व्यसन से दूर रहना चाहिए।
*फाइबर युक्त भोजन लेना चाहिए।
*फल, फूल, सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए।
*भोजन में गेहूं तथा चावल जैसे निगेटिव ग्रेन का प्रयोग कम करना चाहिए।
*उनकी जगह अधिक से अधिक मिलेट्स का सेवन शुरू करना चाहिए।
होम्योपैथिक उपचार
होम्योपैथी में प्रमुखता से तीन औषधियां कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती हैं।
1- Crataegus Oxy Q
2- Allium Ursicum Q
3- Gauteria Gaumeri Q
इन तीनों की 15-15 बूंद, एक ही साथ हल्के गुनगुने पानी में दिन में तीन बार खाली पेट लेना चाहिए। लेकिन यह ध्यान रहे इन दवाओं का प्रयोग रजिस्टर्ड चिकित्सक की सलाह से ही लेना चाहिए।
