वाराणसी
काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव-2023 के विश्वविद्यालय स्तर पर कार्यक्रम का उद्घाटन
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने महोत्सव का उद्घाटन किया–
नवीन प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने का अवसर—
वाराणसी: भारत की सांस्कृतिक राजधानी काशी, संगीत की सभी विधाओं यथा-गायन, वादन, नृत्य, रंग-कर्म से परिपूर्ण है। यहाँ के महान संगीतकारों ने अपनी कला से पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। काशी के अनेक संगीतकार भारत रत्न एवं पद्म विभूषण, पद्म भूषण एवं पद्मश्री तथा संगीत अन्य राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, पुरस्कार से विभूषित हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दिये जाने और नवीन प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने तथा अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराने के उद्देश्य से “काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव-2023” का आयोजन किया जाना काशी के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.
उक्त विचार संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने आज मध्यान्ह 12:00 बजे ,पाणिनि भवन सभागार में आयोजित
“काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव-2023” के विश्वविद्यालय स्तर के प्रथम चरण के कार्यक्रम का उद्घाटन एवं अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किया.
यशस्वी प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र में छुपी हुई प्रतिभा को निखारने का यह मंच—
कुलपति प्रो शर्मा ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र में छुपी हुई प्रतिभा को निखारने का यह मंच देकर छुपी हुई प्रतिभा को निखारने का प्रयोग है, यह कार्य भी प्रधानमन्त्री के प्रेरणा से सम्पन्न हो रही है.आज इस संस्था के गौरव और कुशल प्रतिभाओं को देख विश्वविद्यालय सुनकर अत्यंत हर्ष और आनंद की अनुभूति हुई, सभी को शुभकामनाएं और बधाई.
भारत के चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सफल लैंडिंग पर बधाई–
कुलपति प्रो बिहारी लाल ने कहा कि भारत के चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है. इसी के साथ भारत पहला देश बन गया, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्पेसक्राफ्ट को उतारा है इसके लिए इसमें सभी वैज्ञानिकों को संस्कृत और विश्वविद्यालय परिवार की तरफ से हार्दिक बधाई देता हूं.
महोत्सव में प्रतिभागी एवं विधा—
विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित
इस महोत्सव में विभिन्न विधाओं क्रमश: गायन, वादन और नृत्य के विधाओं में रोहित तिवारी, अभिमन्यु, गोपाल, ईशा, जूही मिश्रा, आलोक, विनीत शुक्ला, नीतीश ठाकुर, अखिलेश मिश्र, जितेन्द्र यादव, शिवम मिश्र नैनका आदि चार दर्जन से अधिक प्रतिभागियों ने लोक गीत, एकल गीत, चैती, भजन, कजरी,वादन में तबला, हार्मोनियम,ढोलक,एवं नृत्य के विभिन्न विधाओं से पूरे सभागार के लोगों का मन मोह लिए, लोग आत्म विभोर हो गए.
महोत्सव के प्रारम्भ में मंगलाचरण (वैदिक, पौराणिक एवं कुलगीत) सुनाकर कार्यक्रम प्रस्तुत हुआ.
स्वागत और धन्यवाद–
महोत्सव के प्रारम्भ में स्वागत भाषण एवं परिचय संयोजक प्रो सुधाकर मिश्र ने किया. धन्यवाद ज्ञापन नोडल अधिकारी शशीन्द्र मिश्र ने किया.
कार्यक्रम का संचालन दीपक वत्स ने किया.
निर्णायक मंडल-– डॉ श्रुति उपाध्याय, डॉ शैल पाण्डेय एवं डॉ प्रशांत ने सम्पूर्ण कार्यक्रम का निर्णय किया जिसमें हर विधाओं में एक से पांच तक स्थान दिए गए हैं.
ज्ञातव्य हो कि अभी दो विधाओं में कार्यक्रम क्रमशः अन्तर विश्वविद्यालयीय तथा अंतिम जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन सितंबर में किया जाना है.
उपस्थित ज़न–
उक्त अवसर पर प्रो रामपूजन पाण्डेय, प्रो हरिशंकर पाण्डेय, प्रो जितेन्द्र कुमार, प्रो हरिप्रसाद अधिकारी,प्रोशैलेश कुमार, प्रो अमित कुमार, प्रो विजय कुमार पाण्डेय, प्रो हीरक कांत, प्रो विधु द्विवेदी, प्रो दिनेश कुमार गर्ग, प्रो राजनाथ, डॉ रविशंकर पाण्डेय,,डॉ श्रवण कुमार,
काशीनाथ आदि उपस्थित थे|
