वाराणसी
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता पर दशाश्वमेध घाट पर गूंजा राष्ट्रगान

1001 दीपों से लिखा गया ‘जय हिंद’
वाराणसी। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की ऐतिहासिक सफलता का जश्न गुरुवार की शाम काशी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर एक विशेष गंगा आरती के रूप में मनाया गया। गंगा तट पर राष्ट्रभक्ति का अद्वितीय दृश्य देखने को मिला, जब 1001 दीपों से ‘जय हिंद’ लिखा गया और घाट देशभक्ति के नारों से गूंज उठा।
आरती कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने भाग लिया। सभी ने हाथों में तिरंगा थामे, देशभक्ति गीतों और नारों के साथ भारतीय सेना की वीरता को नमन किया। इस अवसर पर गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने कहा, “भारतीय सेना ने हाल ही में भारत-पाक सीमा पर जो साहसिक सफलता प्राप्त की है, वह समस्त देशवासियों के लिए गर्व का विषय है। काशीवासियों ने मां गंगा की आरती कर वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।”
गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव सहित संस्था के सभी पदाधिकारी आयोजन में शामिल रहे। घाट पर गूंजते राष्ट्रगान, मंत्रोच्चार और दीपों की रौशनी ने माहौल को आध्यात्म और राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कर दिया।
इस अवसर पर मां गंगा से देश की सुरक्षा, समृद्धि और सेना की अनवरत विजय की प्रार्थना की गई। आयोजन ने यह संदेश दिया कि काशी की आत्मा सदैव राष्ट्र के साथ खड़ी है।