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अपराध

रिश्वतखोरी में महिला दरोगा बर्खास्त, जेल में काट रही सजा

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लखनऊ। मेरठ पुलिस ने 9 साल पहले रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला दरोगा अमृता यादव को आखिरकार बर्खास्त कर दिया है। अमृता यादव ने 2017 में एक दुष्कर्म के मुकदमे से गंभीर धाराएं हटाने के एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत ली थी। वह उस समय बुढ़ाना गेट चौकी प्रभारी के पद पर तैनात थीं।

शिकायतकर्ता समीर ने इस सौदेबाज़ी की रिकॉर्डिंग कर ली और एंटी करप्शन टीम को सूचित किया। 13 जून 2017 को अमृता को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाद में अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा और 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। वर्तमान में वह चौधरी चरण सिंह जेल में सजा काट रही हैं।

डीआईजी कलानिधि नैथानी ने विभागीय जांच के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस नियमावली-1991 के तहत अमृता को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। डीआईजी ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त करना जरूरी है, ताकि पुलिस विभाग की छवि बनी रहे और अन्य कर्मचारियों में अनुशासन बना रहे। साथ ही उन्होंने सभी लंबित भ्रष्टाचार मामलों की शीघ्र सुनवाई और सजा सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए हैं।

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