वाराणसी
बुजुर्ग से 22 लाख की साइबर ठगी, फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर दिया झांसा

फेसबुक लिंक से डाउनलोड किया था नकली इंटरनेट बैंकिंग ऐप
वाराणसी। शहर में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कैंट थाना क्षेत्र निवासी बुजुर्ग शशिकांत गुप्ता से एक शातिर ठग ने फर्जी बैंककर्मी बनकर बात की और झांसा देकर उनके खाते से 22 लाख रुपये उड़ा लिए। इस संबंध में पीड़ित ने साइबर क्राइम थाना, वाराणसी में प्राथमिकी दर्ज करायी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
फेसबुक लिंक बना ठगी का जरिया
पीड़ित शशिकांत गुप्ता का खाता पंजाब नेशनल बैंक में है। उन्होंने बताया कि वे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का लाभ लेने के लिए फेसबुक पर दिखायी दे रहे एक लिंक से बैंक का एप्लिकेशन डाउनलोड करने का प्रयास कर रहे थे। कई बार प्रयास करने के बावजूद ऐप डाउनलोड नहीं हुआ और लिंक बार-बार होम पेज पर लौट जा रहा था।
ठग ने ‘बैंककर्मी’ बनकर किया फोन
कुछ ही समय बाद गुप्ता को एक फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को अमित मिश्रा, पंजाब नेशनल बैंक का कर्मचारी बताया और कहा कि वह बैंक ऐप डाउनलोड करने में मदद करेगा। भरोसा दिलाने के बाद उस व्यक्ति ने एक नया एप्लिकेशन डाउनलोड करवाया, जिसमें एसएमएस फॉरवर्डिंग की सुविधा थी।
एक रुपये की आड़ में 22 लाख की चपत
बुजुर्ग के अनुसार, आरोपी ने कहा कि खाते के वेरिफिकेशन के लिए एक रुपये कटेगा। उन्होंने देखा कि उनके खाते से एक रुपये कट गया। लेकिन सोमवार को जब उन्होंने बैंक जाकर पूरा स्टेटमेंट देखा तो पता चला कि उनके खाते से कुल 22 लाख रुपये निकाले जा चुके हैं। मोबाइल में मौजूद SMS फॉरवर्ड एप की मदद से ओटीपी सहित सभी जानकारी सीधे ठग के पास जाती रही।
मुकदमा दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गुप्ता के बैंक खाते को सीज कर दिया है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि राशि किन-किन खातों में ट्रांसफर की गई ? एक्सपर्ट की एक टीम मोबाइल नंबर, ऐप के डिजिटल फुटप्रिंट और अन्य तकनीकी पहलुओं की मदद से अपराधियों की तलाश में जुटी है।
सावधानी ही सुरक्षा
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान लिंक या कॉल पर भरोसा न करें। बैंक कभी भी ग्राहकों से उनके निजी विवरण या ऐप डाउनलोड के लिए फोन नहीं करता। साइबर अपराध से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है।