वाराणसी
नीलगिरी इंफ्रासिटी घोटाला: सीएमडी समेत तीन गिरफ्तार

113 मुकदमों में करोड़ों की ठगी का आरोप
वाराणसी। वाराणसी पुलिस ने बहुचर्चित नीलगिरी इंफ्रासिटी घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी के सीएमडी विकास सिंह, एमडी रितु सिंह (पत्नी) और सीनियर मैनेजर प्रदीप यादव को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों पर देश के विभिन्न हिस्सों में 113 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें रियल एस्टेट निवेश के नाम पर की गई करोड़ों की ठगी शामिल है।
सस्ते प्लॉट, विदेश यात्रा और कार का लालच देकर की ठगी
कंपनी ने मलदहिया स्थित इंडियन प्रेस कॉलोनी में अपना दफ्तर खोलकर नीलगिरी इंफ्रासिटी के नाम से जमीन के सस्ते सौदों, विदेश यात्रा पैकेज और कार गिफ्ट का झांसा देकर लोगों से निवेश कराया। इस स्कीम में वाराणसी ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल के अन्य जिलों और बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से भी सैकड़ों लोग ठगे गए।
सुप्रीम कोर्ट की जमानत के बावजूद नहीं सुधरे
गिरफ्तार आरोपी वर्ष 2021 में भी जेल जा चुके हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वे निवेशकों का पैसा लौटाएंगे। कुछ धनराशि लौटाने के बाद आरोपी दोबारा ठगी के पुराने पैटर्न पर लौट आए, जिससे पीड़ितों की संख्या में इजाफा हुआ और नए मुकदमे दर्ज होने लगे।
पुलिस की सख्ती, कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेजे गए
एसीपी गौरव कुमार के अनुसार, तीनों आरोपियों को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब कंपनी के पूरे नेटवर्क और लेनदेन की जांच में जुटी है।
धोखाधड़ी का तंत्र और विश्वास का दुरुपयोग
कंपनी ने शुरुआत में कुछ लोगों को भुगतान कर विश्वास अर्जित किया और बाद में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को अंजाम दिया। पुलिस को आशंका है कि इस प्रकरण में कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
इस हाई-प्रोफाइल घोटाले की कार्रवाई से पूरे रियल एस्टेट क्षेत्र में हलचल मच गई है और निवेशकों को अब न्याय की उम्मीद जगी है।