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अपराध

BHU : 289 दिन बाद छात्र ने हारी जिंदगी की जंग

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वाराणसी। बीएचयू साउथ कैंपस के छात्र नितेश पांडेय की शुक्रवार को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई। 12 जून 2024 को मिर्जापुर के बरकछा क्षेत्र में दो बाइक की टक्कर के बाद हुए झगड़े में उस पर जानलेवा हमला किया गया था। नौ महीने 15 दिन तक चले उपचार के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। इस घटना से बीएचयू में शोक और आक्रोश का माहौल है।

नितेश पांडेय, बीएचयू साउथ कैंपस में बी-वोक (बैचलर ऑफ वोकेशनल) कोर्स का छात्र था। 12 जून 2024 की शाम उसकी बाइक की टक्कर अमन यादव नामक छात्र की बाइक से हो गई। मामूली विवाद जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गया। दोनों पक्षों के छात्र गुटों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों, पत्थरों और हथौड़ों से हमला कर दिया। इस हमले में नितेश बुरी तरह घायल हो गया।

गंभीर रूप से घायल नितेश को बीएचयू साउथ कैंपस के हेल्थ सेंटर से वाराणसी ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, लेकिन रास्ते में उस पर दोबारा हमला किया गया। आरोप है कि हमलावर छात्रों ने एंबुलेंस को घेरकर नितेश पर फिर से वार किया, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई।

घटना के बाद नितेश को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया, जहां नौ महीने 15 दिन तक उसका इलाज चला। 23 जनवरी 2025 को हालत में थोड़ा सुधार होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन वह पूरी तरह स्वस्थ नहीं था। 26 मार्च को तबीयत बिगड़ने के बाद उसे दोबारा ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया, जहां 28 मार्च को उसकी मौत हो गई।

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घटना के बाद बीएचयू साउथ कैंपस के सुरक्षा सुपरवाइजर असगर अली की तहरीर पर मिर्जापुर के देहात कोतवाली थाने में 12 नामजद और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, लेकिन सभी को जमानत मिल गई।

मृतक छात्र के पिता शशिकांत पांडेय ने बताया कि उनके बेटे पर हमला करने वाले आरोपी जेल से छूट चुके हैं, लेकिन वे अपने बेटे के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे। परिजन अंतिम संस्कार और त्रयोदशाह के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।

नितेश की मां नीलम पांडेय बेटे की मौत से सदमे में हैं। उन्होंने कहा, “10 महीने तक हम मर-मर कर जिए, लेकिन हमारा बाबू हमें छोड़कर चला गया।” नितेश के परिवार ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।



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