वाराणसी
BHU : डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक और पत्नी पर टेंडर में धोखाधड़ी का केस दर्ज

वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रॉमा सेंटर में शुक्रवार देर रात एक हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉ. उदय भान सिंह और उनकी पत्नी रजनी सिंह के खिलाफ लंका थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एफआईआर चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) के निदेशक प्रो. एस. एन. संखवार की तहरीर पर दर्ज की गई।
आरोप है कि दंपति ने 14 अगस्त 2024 को प्रकाशित सर सुंदरलाल अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में डायग्नोस्टिक इमेजिंग सेवाओं के लिए निकाले गए टेंडर में फर्जी समझौता पत्र और जाली दस्तावेज लगाए। उन्होंने कानपुर और गोरखपुर के दो प्रतिष्ठानों—कानपुर स्कैन्स अल्ट्रासाउंड एवं इमेजिंग सेंटर और डॉ. जायसवाल इमेजिंग क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड के अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से निविदा में दाखिल किए।
जांच के दौरान जब इन दस्तावेजों का सत्यापन किया गया तो न सिर्फ जवाब देने में टालमटोल की गई, बल्कि बार-बार बयान भी बदले गए। बीएचयू प्रशासन ने जब दोबारा ईमेल द्वारा सत्यापन कराया, तब भी कोई ठोस उत्तर नहीं मिला। परिणामस्वरूप अस्पताल की नौ सदस्यीय तकनीकी मूल्यांकन समिति ने दस्तावेजों को कूटरचित और फर्जी घोषित किया।
एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि आरोपियों ने टेंडर में शामिल करने के लिए शहर के सात प्रतिष्ठित रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टरों के जाली हस्ताक्षर करके एमओयू तैयार किए। इनमें से कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जो केवल सोनोग्राफी में दक्ष हैं और जिनका सीटी स्कैन या एमआरआई सेवाओं से कोई लेना-देना नहीं है।
यह मामला सिर्फ एक धोखाधड़ी नहीं बल्कि मेडिकल सिस्टम की साख पर सीधा प्रहार है। BHU प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है।