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पूर्वांचल

मनुष्य और परमात्मा के बीच की दीवार है अहंकार: स्वामी कृष्णानंद

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पडाव क्षेत्र के डोमरी गांव गंगा तट स्थित सदगुरू धाम आश्रम आंजनेय मंदिर के प्रांगण में सदविप्र समाज के प्रणेता सदगुरू स्वामी कृष्णानंद जी महाराज के सानिध्य में शारदीय नवरात्र की कार्यक्रम का पूर्णाहुति सम्पन्न हुआ। पर्व के अवसर पर दुर्लभ साधनाओं के साथ प्रातः गंगा स्नान, संध्या पूजन, हवन यज्ञ, गुरु पूजन, सत्संग आशीर्वचन तथा भंडारे का आज दुर्गा अष्टमी को पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया। देश विदेश से आए भक्त गणों ने भारी संख्या में भाग लेकर कार्यक्रम का लाभ लिया।

आज स्वामी जी ने अपने प्रवचन में संदेश दिया कि अहंकार ही मनुष्य और परमात्मा के बीच की दीवार है। शिष्य के इसी अहंकार को समय का जीवंत सदगुरू तोड़ देता है और शिष्य को परमात्मा से एक कर देता है। जैसे धौम्य ऋषि ने अपने शिष्यों वेद, आरुणि और उपमन्यु को परमात्मा से एक किया। नामदेव जो भगवान कृष्ण से बात करते थे उनको भी उनसे एक होने के लिए गुरु के रूप में सोपान बाई की शरण में जाना पड़ा।

गुरु की शरण में ही शिष्य साकार से निराकार होने की विधि जान पाता है। और चैतन्य होकर परम चैतन्य से एक हो जाता है। इस दौरान मुख्य रूप से परमाचार्य आशा उपाध्याय, आचार्य कुणाल स्वामी, महात्मा सौरभ, डॉक्टर मृत्युंजय, प्रबोध एवम अन्य लोगों के सम्मिलित सहयोग से उक्त कार्यक्रम का आयोजन सफलता पूर्वक सम्बन्न हुआ।

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