वाराणसी
फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए रोगियों को मिली ‘एमएमडीपी’ किट
• नियमित साफ-सफाई, देखभाल व प्रबंधन से नहीं आएगी गंभीर स्थिति
वाराणसी। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान व सीफार संस्था के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव के अंतर्गत दल्लुपुर प्राथमिक विद्यालय पर शुक्रवार को फाइलेरिया (हाथी पांव) ग्रस्त 25 रोगियों को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) किट और आवश्यक दवा प्रदान की गई। साथ ही रोगियों को घाव की नियमित सफाई के तरीके बताए गए।
इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पाण्डेय ने सभी रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की। साथ ही उन्होंने फाइलेरिया रोग प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त अंगों मुख्यतः पैर की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने पर अंग खराब होने लगते हैं। इससे समस्या बढ़ जाती है। इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकने के लिए आवश्यक दवा भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है। जिससे गंभीर व दिव्यांग्ता की स्थिति नहीं आएगी। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है। इस किट में एक-एक टब, मग, बाल्टी तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं। फाइलेरिया रोगी सहायता समूह (पीएसजी) नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही बीमारी से जुड़े मिथक को भी दूर कर रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी ने सभी आशा कार्यकर्ताओं और संगिनी को फाइलेरिया के कारण, लक्षण, पहचान, जांच, उपचार व बचाव आदि के बारे में विस्तार से बताया। फाइलेरिया की सभी ग्रेडिंग (हाथ-पैरों में सूजन व घाव की स्थिति) के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) और एमएमडीपी किट को फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के उपयोग के बारे में बताया।
फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य व माँ दुर्गा सहायता समूह की कलावती देवी (65) ने बताया कि उन्हें करीब 35 साल से हाथीपाँव बीमारी है, पहले उपचार के बारे पता नहीं था लेकिन अब समूह से जुड़कर डॉक्टर से हाथी पाँव के देखभाल के लिये सम्पूर्ण जानकारी मिली और साथ ही एमएमडीपी किट भी दी गई। वह अपने सूजे हुये पैरों की नियमित देखभाल कर रही हैं। इससे आराम मिल रहा है। डीह बाबा सहायता समूह के उदयभान (60) ने बताया कि वह 20 साल से फाइलेरिया हाथीपांव से ग्रसित हैं अब किट के जरिये हम अपने सूजे हुये पैरों की साफ-सफाई और देखभाल करते हैं साथ में योगा व सामान्य व्यायाम कर रहे हैं जिससे आराम मिल रहा है। इसके अलावा समुदाय में फाइलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक भी कर रहे हैं।
इस मौके पर मलेरिया निरीक्षक ओम प्रकाश, आशा कार्यकर्ता व संगिनी एवं सीफार संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
