अपराध
ट्रेजरी अधिकारी बनकर पुलिस पेंशनरों के खातों से लगभग करोड़ो रूपये निकालने वाले गैंग दो सदस्य गिरफ्तार
वाराणसी। आवेदक उपेन्द्र कुमार सिंह S/O स्व0 जय मंगल सिंह निवासी प्रा सेमरा पो०- सेमरा थाना मोहम्मदाबाद गाजीपुर द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी पर सूचना दी गयी कि में पुलिस विभाग से रिटायर हो चुका हूँ। मेरे मोबाइल पर 9330248072 से फोन आया उसने बताया कि मै ट्रेजरी से बोल रहा हूँ, आपका GPF का पैसा आ गया है, आप अपना खाता स) व मोबाइल पर प्राप्त OTP बताइये मैने उसे बता दिया, जिसके बाद अगले दिन 26.32022 को मेरे खाते से कुल 10 ट्रान्जेक्शन मे 1800000/- धोखे से निकाल लिया गया। जिस पर साइबर क्राइम थाना पर मु0अ0सं0- 0005/2022 धारा 417, 420 भादवि व 66 जी आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी। इसी तरह से आवेदक लल्लन प्रसाद 25 वी वाहिनी पी०एएसी राववरेली व ग्रा०पो० बारा थाना गहमर जिला गाजीपुर द्वारा साइवर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी पर सूचना दी गयी कि मैं 25 वीं वाहिनी पीएसी रायबरेली से कम्पनी कमान्डर सेवा से निविरित हुवा हूँ मेरे मोबाइल नम्बर 6388508707 पर मोबाइल नम्बर 9330370568 से काल आया था और बोले कि मैं गाजीपुर ट्रेजरी बोल रहा हूँ आप अपना पेन्शन किस खाते से लेना चाह रहे है तो मैने बताया कि ग्रामीण बैंक से लूंगा तो उसने मेरा खाता संख्या पूछा उसके बाद एक ऐप डाउनलोड करने को कहा कि स्पोर्ट ऐप डाउनलोड करवाया इसके बाद एक ओटी0पी0) भेजा और कहा कि जो ओ0टी0पी0 आऐगा उसे बताना मयने ओ0टी0पी बता दिया उसने बोला कि आपका पेशन हो गया है ट्रेजरी गाजीपुर आना होगा जिस पर साइबर क्राइम थाना पर मु0अ0सं0- 0005/2022 धारा 417,420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी और इस तरह से विभिन्न जनपदों के पेंशनरी से फ्राड की गयी है।
उपरोक्त प्रकरण में उच्चाधिकारीगण को भी अवगत कराया गया था, जिस पर अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम लखनऊ,पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस उपमहानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी श्री अखिलेश कुमार चौरसिया, क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम अविनाश चन्द्र सिन्हा द्वारा साक्ष्य संकलन/ अनावरण एवं गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था, पूर्व में संकलित साक्ष्यों के अवलोकन व तकनीकी एनालिसिस के उपरान्त अभियुक्तगण – 1- दिनेश राम पुत्र भुवर राम निवासी बरूही थाना सहार, जपनद भोजपुर बिहार व हाल पता छरिहारी थाना मखदूमपुर जहानाबाद, बिहार उम्र करीब 27 वर्ष 2-रोहित सिनहा पुत्र स्व0 जितेन्द्र प्रसाद सिन्हा निवासी सिविल लाइन वार्ड नं0 17, भूमिहारी फिल्ड बक्सर थाना मार्डन थाना बक्सर बिहार
3- दीपक कुमार पुत्र बिन्देश्वरी मिस्री निवासी अकौना थाना मखदुमपुर जहानाबाद, बिहार 4- अमित कुमार पुत्र पुत्र बासुदेव प्रसाद निवासी मटुआ थाना गुरुमा, गया, बिहार
5- चन्दन सागर उर्फ चन्दन कुमार S/O राजेश कुमार R/O दयाली बिगहा धाना पारस बिगहा, जनपद जहानाबाद उम्र 22 वर्ष
6-संदीप कुमार चौबे उर्फ लकी S/O मनोज कुमार चौबे R/O चैन छपरा थाना हल्दी, बलिया उम्र करीब 25 वर्ष का पूर्व में चालान किया जा चुका है, इसी क्रम में संकलित साक्ष्यों के अवलोकन व तकनीकी एनालिसिस के उपरान्त अभियुक्तगण निर्भय उर्फ चन्दन यादव व दीपक यादव की संलिप्तता प्रमाणित हुई। जिस पर माल गोदाम रोड कैंट वाराणसी के पास से अभियुक्तगण निर्भय उर्फ चन्दन यादव व दीपक यादव को गिरफ्तार किया गया। विवेचनात्मक कार्यवाही पूरी कर उपरोक्त अभियुक्त का चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है।
पकड़े गये अभियुक्तगण द्वारा बताया गया कि हमलोग पहले फोन पर विभिन्न लोगों को विभिन्न स्कीम, केवाई अपडेट, पैसा दोगुना करने, व पेंशनर से उनके पेंशन संबन्धित कार्यवाही कराने का झांसा देकर आधार कार्ड व पैन का की छाया प्रति मंगाते है और कई बार पुलिस का अधिकारी बनकर जांच के नाम पर डरा धमका कर हमलोग आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि मंगा लेते है जिसके लिए मै अपने TURECALLER व WHATSAPP पर. डी. पी. व नाम पुलिस अधिकारी का फर्जी रूप से लगा लेते है और आधार नं0 पैन नं0 बेस्ट कार्ड प्रिन्ट पोर्टल व डिजिटल पोर्टल से सभी कुछ भरकर अपना फोटो व अन्य लोगों का फोटो लगाकर आधार कार्ड पैन कार्ड बना लेते है, इसे साफ्टवेयर के माध्यम से कूटरचित बनाकर किसी भी दुकान पर प्रिंट करा लेते है और इस फर्जी आधार कार्ड के माध्यम विभिन्न शहरों में जाकर फर्जी नाम से लिया हुआ सिम नंबर के माध्यम से बैंकों में खाता खुलवाते है। इसके बाद पेंशनरों / सरकारी कर्मचारियों व अन्य लोगों को फोन कर केवाईसी अपटेड या पेंशन के संबन्ध में खानापूर्ति के नाम फर्जी बैंक अधिकारी/ ट्रेजरी अधिकारी बनकर बैंक संबन्धी जानकारी प्राप्त कर व एनीडेस्क क्यूक्सपोर्ट डाउनलोड कराकर उनके खातों से पैसा गायब कर देते है और प्राप्त पैसों को विभिन्न वालेट व खाता में डालकर निकाल लेते है और आपस में बाट लेते है, जिससे काफी लाभ होता है और हमलोग भी लालच में आकर टीम में शामिल हो गया। सर, टीम में सभी का काम बटा है जैसे फर्जी सिम का व्यवस्था करना, फर्जी खाता नंबर का व्यवस्था करना, नेट से सर्च कर कर्मचारियों/अधिकारियों/ व्यक्तियों का नंबर व विवरण प्राप्त करना, कर्मचारियों/अधिकारियों/व्यक्तियों को फोन करना, फर्जी वालेट तैयार करना, ए.टी.एम. से पैसा निकालना, सरकारी लाभ के नाम पर विभिन्न लोगों ए.टी.एम. व. पासबुक डाक से मंगाना आदि कार्य हम सभी मिलकर करते है। प्रत्येक फर्जी खाता के लिए सरकारी का 50000 रूपये तक तथा प्राइवेट बैंक का 25000 रुपये तक दिया जाता है तथा फर्जी सिम का रेट 1000 रुपये है। हमलोग अपना नाम व पता हमेशा गलत बताते है और ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर नहीं रहते है। हमलोग वाराणसी, कानपुर, अयोध्या, दिल्ली, जमशेदपुर, पटना, नालंदा आदि शहरों में जाकर खाता खुलवाते है फर्जी सिम प्राप्त करते हैं, जिसका प्रयोग साइबर अपराध में करते हैं।
