वाराणसी
फाइलेरिया नियंत्रण के लिए 30 रोगियों को प्रदान की गई ‘एमएमडीपी’ किट
फाइलेरिया प्रभावित अंगों की साफ-सफाई व देखभाल के लिए किया प्रेरित
बड़ागांव के 25 सीएचओ को मिला फाइलेरिया व मलेरिया उन्मूलन के लिए प्रशिक्षण
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के अंतर्गत कविरामपुर पंचायत भवन पर मंगलवार को फाइलेरिया (हाथी पांव) से ग्रस्त 30 रोगियों को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) किट दी गई। रोगियों को प्रभावित अंगों की नियमित सफाई के तरीके बताए गए। इसके अतिरिक्त बड़ागांव पीएचसी पर 25 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को फाइलेरिया रोग के साथ अन्य वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया की जांच के लिए रेपिड किट के माध्यम से जांच व उपचार के बारे में भी विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में पाथ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था ने सहयोग किया। इस मौके पर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज वर्मा, बायोलोजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक विनोद कुमार, पाथ के डॉ सरीन कुमार और सीफार के सुबोध दीक्षित ने सभी सीएचओ को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान बताया कि फाइलेरिया ग्रसित रोगियों को ई-कवच पोर्टल पर रिपोर्ट करना है। डॉ अमित ने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त अंग मुख्यतः पैर की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं रहता है। सूजन में भी कमी रहती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने पर अंग खराब होने लगते हैं। इससे समस्या बढ़ जाती है। इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकने के लिए दवा भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है। इस किट में एक-एक टब, मग, बाल्टी तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं। सीफार के सहयोग से गठित फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही बीमारी संबंधी भ्रांतियां दूर कर रहे हैं। इस दौरान कविरामपुर के ग्राम प्रधान अनिल कुमार पटेल ने भी समुदाय को जागरूक करने की अपील की।
नेटवर्क की सदस्य 55 वर्षीय सुशीला देवी लगभग 25 सालों से फाइलेरिया की वजह से दोनों पैरों से ग्रसित हैं। नेटवर्क से जुड़ने से बहुत फायदा है। इसके जरिए पता चला कि पैरों को लगातार धोने और दिन में कम से कम दो बार व्यायाम करने से पैरो में बहुत आराम है। अब दर्द व बुखार नहीं रहता है। 48 वर्षीय निर्मला देवी 16 साल से फाइलेरिया से ग्रसित हैं। उनका बायां पैर प्रभावित है। उन्होंने बताया कि हमको अक्सर बुखार आ जाता था और पैरो में जलन और दर्द होता था लेकिन जब से हम लोग फाइलेरिया सहायता समूह से जुड़े है हमलोग को बहुत फायदा हुआ। वहाँ नियमित व्यायाम और पैरों की सफाई के बारे में बताया जाता है जिससे काफी आराम मिलता है। अब हम लोग कोशिश करेंगे कि दूसरे को यह रोग न हो। इसके लिए समुदाय को जागरूक करेंगे।
