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गाजीपुर

शादी के मौके पर बासी भोजन से बढ़ता फूड पॉइजनिंग का खतरा

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विशेषज्ञों ने दी चेतावनी – असुरक्षित तरीके से रखा गया या अधपका मुर्गा बन सकता है बीमारी का कारण

बहरियाबाद (गाजीपुर)। शादी-विवाह जैसे आयोजनों में स्वाद और विविधता के नाम पर तैयार किए जाने वाले व्यंजनों में अगर सावधानी न बरती जाए तो यह आनंद बीमारी में भी बदल सकता है। बहरियाबाद क्षेत्र में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि शादी के अवसर पर बासी या अधपका भोजन, विशेषकर बॉयल मुर्गा, शरीर में तरह-तरह के संक्रमण और रोगों का कारण बन सकता है।

आजकल शादियों में बॉयल मुर्गे का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन यही सबसे बड़ा खतरा भी बन रहा है। अगर मुर्गे को ठीक से नहीं पकाया गया या असुरक्षित ढंग से रखा गया, तो फूड पॉइजनिंग का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। अधपके मुर्गे में साल्मोनेला या कैम्पिलोबैक्टर जैसे बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं, जो उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न करते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि पकाए गए मुर्गे को दो घंटे से अधिक समय तक कमरे के तापमान (40°F से 140°F के बीच) पर छोड़ दिया जाए, तो बैक्टीरिया अत्यधिक तेजी से पनपते हैं। यही नहीं, कच्चे मुर्गे को काटने के लिए उपयोग किए गए बर्तन या चाकू अगर बिना धोए पके हुए भोजन या सलाद के लिए दोबारा इस्तेमाल कर लिए जाएं, तो संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।

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कुछ लोगों में ब्रॉयलर चिकन में प्रयुक्त एंटीबायोटिक्स और ग्रोथ हार्मोन को लेकर भी चिंता बनी रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इनका अत्यधिक सेवन महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।

इसके अलावा, शादी के भोज में प्रायः परोसा जाने वाला तला या अधिक मसालेदार चिकन उच्च वसा और कैलोरी की मात्रा के कारण पाचन तंत्र और हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। कुछ लोगों को चिकन से एलर्जी भी होती है, जिससे त्वचा पर चकत्ते या पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि शादी या अन्य आयोजनों में भोजन को ताजा और स्वच्छ बनाए रखें, खासकर मांसाहारी व्यंजनों को सुरक्षित तापमान पर ही रखें और अधपके भोजन के सेवन से बचें।

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