वाराणसी
साइबर अपराध पर पुलिस आयुक्त ने दी सख्त हिदायतें
वाराणसी। पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा मंगलवार की रात साइबर क्राइम सेल के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों के निस्तारण, पोर्टलों पर डेटा अपडेट, तकनीकी उपकरणों के प्रभावी उपयोग तथा साइबर अपराधियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक के दौरान पुलिस आयुक्त ने कहा, “साइबर अपराध आज के समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। सभी अधिकारी समयबद्ध, तकनीकी एवं समन्वित तरीके से कार्य करें, ताकि साइबर अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।”
पुलिस आयुक्त के निर्देशन में की गई प्रमुख कार्यवाही
साइबर अपराध में संलिप्त 654 मोबाइल नंबर ब्लॉक कराए गए। 335 IMEI नंबर डिएक्टिवेट कराए गए। 06 फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर साइबर ठगी करने वाले 84 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई। गैंग बनाकर साइबर अपराध करने वाले 03 गैंगों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।
साइबर थाना एवं साइबर क्राइम सेल द्वारा अब तक 2,15,46,638 की राशि साइबर अपराध पीड़ितों को वापस कराई गई। विगत 03 माह में 291 साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर कुल 38,524 लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया गया।
मुख्य बिंदु एवं दिशा-निर्देश
- NCRP पोर्टल की समीक्षा :
NCRP (National Cybercrime Reporting Portal) पर प्राप्त सभी शिकायतों की प्रगति और निस्तारण की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई। प्रत्येक शिकायत का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने और पीड़ितों को शीघ्र राहत देने के निर्देश दिए गए। लंबित शिकायतों के संबंध में थानावार उत्तरदायित्व तय करने के आदेश जारी हुए। - JIMS पोर्टल पर फीडिंग की स्थिति :
थानावार गिरफ्तार अभियुक्तों की एंट्री और फीडिंग की समीक्षा की गई। निर्देश दिया गया कि हर गिरफ्तारी के बाद तत्काल पोर्टल पर प्रविष्टि सुनिश्चित की जाए। किसी भी देरी या लापरवाही पर जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई। - ‘प्रतिबिंब’ पोर्टल का उपयोग :
‘प्रतिबिंब पोर्टल’ के व्यापक और सार्थक उपयोग पर बल दिया गया। इसके माध्यम से साइबर अपराध की प्रवृत्तियों, क्षेत्रों और अभियुक्तों के पैटर्न का विश्लेषण करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, इसकी रिपोर्ट्स को इंटेलिजेंस-बेस्ड पुलिसिंग के रूप में उपयोग करने पर जोर दिया गया। - संदिग्ध IMEI / मोबाइल नंबर ब्लॉकिंग :
साइबर अपराधों में प्रयुक्त या संदिग्ध पाए गए IMEI नंबरों और मोबाइल नंबरों को तत्काल ब्लॉक कराने के निर्देश दिए गए। ऐसी गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए समर्पित तकनीकी टीम गठित करने के आदेश दिए गए। - PoS (Point of Sale) वेरिफिकेशन एवं विधिक कार्यवाही :
PoS वेरिफिकेशन को अत्यंत गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए। किसी भी फर्जी या संदेहास्पद PoS की जानकारी मिलने पर तत्काल कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए गए। - म्यूल अकाउंट वेरिफिकेशन :
म्यूल बैंक खातों की पहचान और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।
अवैध लेन-देन में शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के आदेश हुए।
साइबर अपराधों से संबंधित मामलों में डिजिटल साक्ष्यों का संरक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साइबर सेल के अधिकारियों को लगातार तकनीकी प्रशिक्षण और अपडेट प्रदान करने पर बल दिया गया। जनता को जागरूक करने हेतु साइबर सुरक्षा अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए।
