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पैकौली में छठ घाट और प्रतीकों की हुई सफाई
ग्रामीणों और नवयुवकों ने मिलकर की मरम्मत व रंगाई
देवरिया (पैकौली)। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर जिले में तैयारियां जोरों पर हैं। इसी क्रम में, पैकौली गांव में ग्रामीणों और नवयुवकों ने मिलकर छठ घाटों की साफ-सफाई, मरम्मत और रंगाई का सराहनीय कार्य किया। यह पहल समाज के सामूहिक प्रयास और धार्मिक श्रद्धा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
सामूहिक श्रमदान से चमका घाट
पैकौली स्थित मुख्य छठ घाट और सूर्यदेव के प्रतीकों को छठ पूजा के लिए तैयार करने का बीड़ा गांव के नवयुवकों की एक टोली ने उठाया। उनके साथ वरिष्ठ ग्रामीण भी कंधे से कंधा मिलाकर इस कार्य में जुट गए।
सफाई अभियान: सबसे पहले घाट के आसपास उगी झाड़ियों और घास-फूस को हटाया गया। नदी या तालाब के किनारे जमा कचरे को साफ किया गया, जिससे व्रतियों को अर्घ्य देने में कोई असुविधा न हो।
मरम्मत कार्य: घाट तक पहुंचने वाले रास्तों को समतल किया गया और जहां जरूरत थी, वहां ईंट या मिट्टी डालकर मरम्मत की गई। घाट की सीढ़ियों को धोकर चिकना बनाया गया।
रंगाई और सज्जा: छठ पूजा के प्रतीकों (जैसे सूर्य देव की आकृति या कलश) को नए सिरे से रंगा गया। घाट के मुख्य स्थान को आकर्षक रंगोली और रोशनी के लिए तैयार किया गया, जिससे पर्व के दौरान पूरे क्षेत्र में एक भक्तिमय माहौल बन सके।
नवयुवकों की पहल की सराहना
स्थानीय लोगों ने नवयुवकों की इस पहल की जमकर सराहना की। बुजुर्गों ने कहा कि नई पीढ़ी द्वारा परंपराओं और आस्था से जुड़े कार्यों में उत्साह दिखाना अत्यंत प्रेरणादायक है। इस सामूहिक प्रयास से न सिर्फ घाट सुंदर बना है, बल्कि यह आपसी सौहार्द और सहयोग की भावना को भी दर्शाता है। छठ पूजा से पहले यह काम पूरा हो जाने से अब व्रती महिलाएं और श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के पूरी श्रद्धा और सुविधा के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगे
