अपराध
कॉल फॉरवर्डिंग से हैक कर लाखों की ठगी

वाराणसी के जयापुर गांव के निवासी विक्रम के दो बैंक खातों से साइबर अपराधियों ने कुल 4.59 लाख रुपए निकाल लिए। इस घटना में चौंकाने वाली बात यह रही कि विक्रम ने किसी से ओटीपी साझा नहीं किया, फिर भी जालसाज उनके नेट बैंकिंग को एक्सेस करने में सफल रहे।
कॉल फॉरवर्डिंग से हुई ठगी
विक्रम ने बताया कि अनजाने में उनके मोबाइल नंबर की कॉल दो अलग-अलग नंबरों पर फॉरवर्ड कर दी गई थी। 5 मार्च की सुबह उनके मोबाइल पर एक ओटीपी आया, जिसे उन्होंने किसी से साझा नहीं किया। इसके बावजूद, साइबर अपराधियों ने उनके नेट बैंकिंग में लॉगिन कर लिया और खाते से पैसे निकाल लिए।
कैसे हुआ फ्रॉड ?
साइबर जालसाजों ने सबसे पहले विक्रम के केनरा बैंक खाते में 8 रुपए डाले। इसके बाद तीन बार में 50,000, 1,99,000 और 2,00,000 रुपए निकाल लिए। जब तक विक्रम को इस घटना की जानकारी हुई, तब तक 4.49 लाख रुपए उनके खाते से निकल चुके थे।
दूसरे खाते में भी 2 लाख रुपए क्रेडिट किए गए, लेकिन बैंक पहुंचने से पहले जालसाजों ने 10,000 रुपए निकाल लिए। विक्रम ने तुरंत बैंक पहुंचकर खाता फ्रीज कराया, जिससे 1.90 लाख रुपए बचा लिए गए।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
पीड़ित की शिकायत पर राजातालाब थाना प्रभारी अजीत कुमार वर्मा ने बताया कि मामले में आईटी एक्ट की धारा 66D के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। साइबर विशेषज्ञों की मदद से अपराधियों की पहचान के लिए डिजिटल फुटप्रिंट खंगाले जा रहे हैं। पुलिस की सक्रियता और बैंक की तत्परता से विक्रम के 1.90 लाख रुपए बच गए, लेकिन 2.69 लाख रुपए की ठगी हो चुकी है। पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है।