वाराणसी
हत्या के मामले में न्याय की आस छोड़ हताश हुए परिजन, पुलिस पर लीपापोती का आरोप
वाराणसी। लोहता थाना क्षेत्र के कोटवा गांव में पंद्रह दिन पूर्व भैयालाल पटेल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इतने दिन बीतने के बावजूद सभी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से परिजन हताश और आक्रोशित हैं। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने नामजद आरोपी अशरफ अली समेत तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन मुख्य आरोपियों में शामिल प्रधानपति रिजवान और उसका भाई बदरू जमा अब भी फरार हैं।
परिजनों का दावा है कि रिजवान प्रभावशाली व्यक्ति है और करोड़ों की संपत्ति का मालिक होने के कारण पुलिस उस पर हाथ डालने से बच रही है। वहीं, तीसरे फरार आरोपी मुराद अली और चौथे अज्ञात व्यक्ति की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
परिजनों का आरोप – पुलिस कर रही लीपापोती, साक्ष्य मिटाने की कोशिश
मृतक की पत्नी ऊषा देवी ने पुलिस पर साक्ष्य मिटाने और मामले को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने चार नामजद और एक अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस अब तक सिर्फ अशरफ अली को ही गिरफ्तार कर पाई है। बाकी सभी फरार हैं। हत्या के बाद पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर मामले के खुलासे का दावा किया था, लेकिन नामजद आरोपियों में से सिर्फ अशरफ अली ही पकड़ा गया।
परिजनों और ग्रामीणों ने हत्या के विरोध में चक्का जाम किया था, लेकिन इसके बाद से जो भी व्यक्ति पीड़ित परिवार का सहयोग कर रहा है, उसके खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज कर रही है। इससे ग्रामीण भी अब सहायता करने से पीछे हट रहे हैं। परिजनों का कहना है कि उन्हें लगातार समझौते के लिए मजबूर किया जा रहा है और पुलिस इस मामले में निष्क्रिय बनी हुई है।
चार आरोपी अब भी फरार, पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
कुछ दिन पहले लखनऊ से आए हिंदूवादी नेता गोपाल राय ने भी पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर नामजद आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की थी, लेकिन इसके बावजूद अब तक चार आरोपी फरार हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।
पुलिस ने दी सफाई
इस मामले में पुलिस का कहना है कि घटना में जो चार लोग शामिल थे, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस का दावा है कि बाकी कुछ लोगों का नाम दबाव बनाकर गलत ढंग से लिखवाया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है, और अगर अन्य आरोपियों की संलिप्तता सामने आती है तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित परिवार लगातार प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता से उनका भरोसा टूटता जा रहा है। परिजनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।