पूर्वांचल
सर्जरी के बाद अप्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी लगा रहे टांके, संक्रमण का खतरा
गाजीपुर। महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज की महिला अस्पताल में प्रसव के बाद लगाए जा रहे टांके प्रसूताओं के लिए गंभीर समस्या बन रहे हैं। सर्जरी के दो से तीन दिनों के भीतर टांके टूटने की शिकायतें सामने आई हैं। आरोप है कि यह टांके अप्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लगाए जा रहे हैं, साथ ही धागे की गुणवत्ता भी बेहद खराब बताई जा रही है। टांके टूटने से प्रसूताओं को न केवल संक्रमण बल्कि अन्य शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रहना पड़ता है।
महिला अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 6 से 8 सर्जरी के जरिए प्रसव कराया जाता है, लेकिन सर्जरी के बाद टांके टूटने और पकने की घटनाएं बढ़ रही हैं। मरीजों के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर द्वारा सफलतापूर्वक सर्जरी कर दी जाती है। लेकिन महिला स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा टांके सही से नहीं लगाए जाते, जिससे रक्तस्राव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
मरीजों का आरोप है कि टांके टूटने के कारण उन्हें घाव पकने से असहनीय पीड़ा सहनी पड़ती है और उनके ठीक होने में एक सप्ताह की बजाय करीब 15 दिन का समय लग जाता है। कई शिकायतों के बावजूद अस्पताल प्रशासन द्वारा इस समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
अस्पताल प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
पीड़ित परिवारों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन को बार-बार इस गंभीर समस्या की जानकारी देने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है।